Tranding
Wed, 18 Jun 2025 03:05 AM
धार्मिक / Nov 14, 2023

43वा उर्स मुबारक हज़रत सैयद शेख शहाबुद्दीन रहमतुल्लाह अलेह व जश्ने ईद मिलादुन्नबी सल्ललाहो अलेह वसल्लम का जश्न मनाया गया।

हफ़ीज अहमद खान

कानपुर नगर, उत्तर प्रदेश।

सदारत हजरत अल्लामा मुफ्ती मुहम्मद इलियास खान नूरी मुफ्ती आज़म कानपुर सरपरस्ती हजरत अल्लामा कारी सैय्यद अब्दुल हबीब रिज़वी कियादत हजरत अल्लामा मौलाना मुफ्ती साकिब अदीब मिस्बाही क़ाज़ी ए शहर कानपुर

जलसे को खिताब फरमाते हुए हज़रत अल्लामा मुफ्ती शहजाद आलम ने कहा,सैय्यदना शेख अब्दुल कादिर जिलानी की सबसे बड़ी विशेषता मुर्दा दिलों की मसीहाई थी अल्लाह ताला ने आपके दिल और आपकी जीभ के प्रभाव से लाखों लोगों को नया ईमानी जीवन प्रदान किया। आपका अस्तित्व इस्लाम के लिए था जिसने दिलों के कब्रिस्तान में भी नया जीवन डाल दिया और इस्लाम की दुनिया में ईमान की एक नई लहर पैदा कर दी।हजरत अल्लामा मौलाना मुफ्ती मोहम्मद हनीफ बरकाती साहब मुफ्ती ए शहर कानपुर ने कहा कि हदीस मुबारका से ये साबित होता है तालीम हमारी जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा है। इस पर अमल करना चाहिए। इल्म के बिना कोई भी इंसान गुमराह हो सकता, इसलिए आपको अपने बच्चों को दीनी और दुनियावी दोनो ही तालीम दिलानी चाहिए। हज़रत अल्लामा मुफ़्ती रफ़ी अहमद निज़ामी मिस्बाही ने कहा कि हज़रत मुहम्मद मुस्तफ़ा (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) अक्सर अपनी दुआओं में कहा करते थे, ऐ अल्लाह, हमारी दुनिया को खूबसूरत बना दे और आख़िरत को भी, हमें नर्क की आग से बचा ले। 

हज़रत अल्लामा सैयद अब्दुल कादिर मियां अल-हिंद ने अपने संबोधन में कहा कि रबी उस सानी की 17 तारीख को हजरत गौस आज़म मोहियुद्दीन अबू मोहम्मद सय्यद शेख अब्दुल कादिर जिलानी बगदादी हसनी व हुसैनी की तारीख सत्तरह तारीख की विसाल है अतराफ आलम में इस माह की ग्यारह और कुछ स्थानों पर 17 को हुज़ूर ग़ौस आज़म का उर्स मनाया जाता है 

तिलावते कुरान पाक हजरत मौलाना कारी अब्दुर्रशीद साहब खतीब इमाम मस्जिद बांस मंडी और निजामत कारी इसराइल अख्तर मसऊदी शायर कारी इकबाल बेग कादरी शोएब रजा अज़हरी माजूर कानपुरी आदि ने नात शरीफ का नजराना पेश किया!इस अवसर पर विशेष रूप से हाफ़िज़ और कारी अब्दुल रहीम साहब मौलाना फ़िरोज़ अहमद मौलाना नूर आलम हाफ़िज़ नेमतुल्लाह मौलाना अमीरुद्दीन हाजी मुहम्मद शाकिर मुहम्मद असलम हाजी मुहम्मद साजिद मौलाना मुहम्मद नाजिर अनवर उपस्थित रहे। 12 नवंबर को फज्र की नमाज के बाद कुरान की तिलावत की गई और ग्यारह बजे कुल शरीफ़ हुआ जिसमें देश की शांति और समृद्धि के लिए दुआ की गई मौलाना फ़ज़ीलुद्दीन ने तबर्रुक बांटा और सभी मेहमानों का शुक्रिया अदा किया।

Jr. Seraj Ahmad Quraishi
38

Leave a comment

logo

Follow Us:

Flickr Photos

© Copyright All rights reserved by Bebaak Sahafi 2025. SiteMap