इस्लाम की मंशा दुनिया में शांति स्थापना की है - मुफ्ती अमजद
-गौसे आजम कांफ्रेंस।
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
हिंदुस्तान में दुनिया के सबसे ज्यादा मुसलमान अन्य समाजों के साथ शांतिपूर्वक रह रहे हैं तो वह इस्लाम की तालीम व औलिया किराम का फैजान है। हिंदुस्तान शांति, सहअस्तित्व और स्वागत की भूमि है। इस्लाम की मंशा दुनिया में शांति स्थापना की रही है। आप देखेंगे कि हिन्दुस्तान में ख़्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती अलैहिर्रहमां के आने के बाद सियासी स्थिरता, सहअस्तित्व और रूहानी प्रेम की एक अनूठी परंपरा शुरू हुई जो आधुनिक हिंदुस्तान तक व्याप्त है।
यह बातें महराजगंज के मुफ्ती मो. अमजद मिस्बाही ने कही। वह सूर्य विहार कॉलोनी में आयोजित गौसे आजम कांफ्रेंस में बतौर मुख्य वक्ता संबोधित कर रहे थे।
अध्यक्षता करते हुए मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी ने कहा कि हिंदुस्तान में इस्लाम के हर अरकान को बिना किसी बाधा के पूरा किया जा सकता है। इस्लाम में सामाजिक आंदोलन के लिए हिंदुस्तान की ज़मीन पर किए गए औलिया किराम के प्रयोगों का यहां के निष्पक्ष समाज ने खुले दिल से खैरमकदम किया और आज पूरी दुनिया इस्लाम के कामयाब प्रयोगों में अमन की राह तलाश रही है।
विशिष्ट वक्ता मुफ्ती मो. अज़हर शम्सी ने हज़रत शैख अब्दुल कादिर जीलानी की हालाते ज़िंदगी बयान करते हुए कहा कि अल्लाह के वलियों में सबसे ऊंचा मरतबा हज़रत शैख अब्दुल कादिर जीलानी अलैहिर्रहमां का है। आपने कादरिया सूफी परंपरा की शुरुआत की। अापका बड़ा रुतबा है। आप सारे वलियों के सरदार हैं। आपके दर से कोई मायूस नहीं जाता।
विशिष्ट वक्ता कारी मो. अनस रजवी ने कहा कि औलिया किराम ने अपना पूरा जीवन अल्लाह और इंसानियत की सेवा में गुजार कर दीन और दुनिया दोनों में अपना नाम रौशन किया। उन्हीं में एक महान शख्सियत हज़रत शैख अब्दुल कादिर जीलानी अलैहिर्रहमां की है। जिन्होंने मख्लूक को शरीयत, तरीकत, मार्फ़त व हक़ीक़त का जाम पिलाया। इंसानों को राहे हक पर चलने का पैग़ाम दिया।
कुरआन-ए-पाक की तिलावत कारी इरशाद अहमद ने की। नात शरीफ हाफिज आरिफ रजा, कासिद रजा इस्माईली, कैसर रजा व मो. जावेद ने पढ़ी। अंत में सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो शांति की दुआ मांगी गई। अकीदतमंदों को लंगर-ए-गौसिया खिलाया गया। कांफ्रेंस में कारी फुरकान अहमद, मुफ्ती मेराज अहमद, कारी रजी अहमद, हाफिज सैफ अली, चुन्नू कुरैशी, मो. आसिफ रजा, मो. शाहिद कुरैशी, मो. इरशाद कुरैशी, हाफिज अशरफ रजा, मो. साहिल कुरैशी, मो. दिलशाद कुरैशी, अरजान अत्तारी, सैयद नदीम अहमद आदि ने शिरकत की।