मेरठ में श्रम प्रतिनिधियों के राज्य स्तरीय सम्मेलन में आगे की रणनीति पर फैसला होगा।
अमित कुमार त्रिवेदी
कानपुर नगर, उत्तर प्रदेश।
मेरठ में श्रम प्रतिनिधियों के राज्य स्तरीय सम्मेलन में आगे की रणनीति पर फैसला होगा।
लेबर लॉ एडवाइजर्स एसोसिएशन और लेबर लॉ रिप्रेजेंटेटिव्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों की श्रमायुक्त कार्यालय प्रांगण में चल रही हड़ताल के 63 वें दिन श्री राम नरेश अवस्थी ने बताया कि लेबर कोर्ट और औद्योगिकी न्यायाधिकरण में पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति किए जाने,अपर और सहायक श्रमायुक्त के खाली पद भरे जाने तथा कर्मियों के रिक्त पदों पर भर्ती को सरकार ने अघोषित रूप से बंद कर दिया है। जिससे सूबे के श्रम प्रतिनिधियों ने एकजुटता प्रदर्शित करते हुए श्रम विभाग और न्यायलयों का बहिष्कार कर दिया है और सरकार पर दबाव बनाने के लिए आगामी 18 अक्टूबर को मेरठ में श्रम प्रतिनिधियों का जमावड़ा होगा।
प्रदेश स्तर के श्रम प्रतिनिधि सम्मेलन में न्यायलयों में पीठासीन अधिकारियों और श्रम विभाग सहायक श्रमायुक्त तथा कर्मचारियों की नियुक्तियां और भर्तियों के न होने पर विचार किया जाएगा। लगभग बीस सालों से विभागों में भर्तियां बंद होने से न्याय व्यवस्था पंगु हो गई है और श्रमिकों का जबरदस्त शोषण फैक्ट्री मालिकों द्वारा किया जा रहा है जिसकी वजह श्रम विभाग में नियमित अधिकारी और कर्मचारी नहीं हैं। सूबे की योगी सरकार के खोखले दावों से श्रम प्रतिनिधियों में घोर निराशा व्याप्त हो गई है।
सम्मेलन में नगर से भाग लेने के लिए तीन सदस्यीय दल मेरठ जायेगा।
असित कुमार सिंह,एस के तिवारी, हर्षवर्धन गुप्ता,आर के त्रिपाठी, पी एन श्रीवास्तव, अजीत गुप्ता,, एस ए एम ज़ैदी, पवन पांडेय,सी पी दुबे, लाल साहब सिंह,आर पी श्रीवास्तव, अनिल गर्ग, सुनील मेहरोत्रा, बरमेश्वर सिंह, एस पी श्रीवास्तव, देवेंद्र सिंह, गौरव बाजपेई, ओपी रावत, रामशंकर, आर एस पी दुबे एच एस मिश्र आदि ने संबोधित किया।