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शिक्षा / Aug 15, 2023

मरकजे अहल-ए-सुन्नत खानकाहे रजविया के द्वारा झंडारोहण एवं विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।

बरेली, उत्तर प्रदेश।

मरकजे अहल-ए-सुन्नत खानकाहे रजविया दरगाहेआलाहजरत से संबधित उल्मा और मदरसा शिक्षकों द्वारा 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मुल्क की आज़ादी की खुशी में एक दिवसीय कार्यक्रम और गोष्ठी का आयोजन किया गया,स्वतन्त्रता संग्राम में राष्ट्र भक्ति का सुबूत देने वाले हिन्दु मुस्लिम देश प्रेमियों के देश के लिए दिए गए वलिदान से संबंधित जीवनी को छात्रो के समक्ष पेश कर के उनके अंदर देश प्रेम की भावना को जगाया गया,,छात्रो को तिरंगे दिए गए,मिठाई वितरण हुई और पुस्तके उपहार में दी गईं।इस मौके पर विशेष अतिथि के रुप में मुफ्ती मोहम्मद सुवालेह हसन मंजरी,मुफ्ती मोहम्मद आसिफ रजा मंजरी,मुफ्ती मोहम्मद सलीम नुरी,मौलाना सुवालेह रजा रजवी,मुफ्ती वसीम साहब आदि ने हिस्सा लिया।गोष्ठी में अपने विचार प्रकट करते हुए मुफ्ती मोहम्मद सलीम साहब ने कहा कि स्वतन्त्रा दिवस (15 अगस्त) के अवसर पर हर जगह लोग मजबूत भारत के लिए काम करने के लिए प्रेरित करने वाले मुस्लिम और हिंदू स्वतंत्रता सेनानियों के साहस, देशभक्ति, राष्ट्रीय एकता, धर्मनिरपेक्षता, सांप्रदायिक सद्भाव और उनके बलिदान पर प्रकाश डालते हैं मगर मेरा मानना यह है कि हमें इन वीरों और सच्चे देश प्रेमियों के बलिदान को अगर यादगार बनाना है तो फिर हम सब को आपसी सौहार्द कायम रखना होगा और नफरतों का खात्मा करना होगा,यही सच्चा देश प्रेम है और यही सच्चा जशने आज़ादी है,हम सब को स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा लेने वाले मुस्लिम और हिंदू स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों को व्यर्थ होने से अगर बचाना है और देश को तरक्की दिलाना है तो हिन्दुस्तानियों के बीच नफरत फैलाने वाले समूहों के नापाक मंसूबो को नाकाम बनाना होगा,मुफ्ती सुवालेह हसन साहब ने कहा कि सोशल मीडिया का दुरुपयोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है। वह कहेंगे कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता किसी भी लोकतंत्र के मूल तत्व हैं लेकिन सभी स्वतंत्रताएं कभी-कभी राष्ट्रीय हित में कुछ हद तक प्रतिबंधित होती हैं। सोशल मीडिया व्यक्ति के जीवन का एक अभिन्न अंग बन गया है लेकिन अपमानजनक टिप्पणियों और पोस्ट के माध्यम से सोशल मीडिया का दुरुपयोग बहुत आम हो गया है। मुफ्ती आसिफ साहब ने कहा कि

मुस्लिम युवाओं को सोशल मीडिया साइटों पर कट्टरपंथी संगठनों और कट्टरपंथी समूहों में शामिल होने से परहेज करना होगा,

मौलाना सुवालेह रजा रजवी साहब ने कहा कि हम सब ने इतिहास में पढा है कि अल्लामा फजले हक,अल्लामा काफी,अल्लामा रजा अली खान, जनरल बखत खान,मौलाना हसरत मोहानी जैसे मुस्लिम स्वतंत्रता सेनानियों ने किस तरह अपना लहु देकर और अंग्रेजो के जुल्म सह कर हिन्दुस्तान को आजादी दिलाने में अहम भुमिका निभाई है।




Jr. Seraj Ahmad Quraishi
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