पटना उच्च न्यायालय ने जातीय जनगणना पर तत्काल प्रभाव से लगाई रोक:--चीफ जस्टिस
ब्यूरो चीफ़ शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया, बिहार।
बिहार में चल रहे जातीय जनगणना का पहला चरण तो समाप्त हो गया,और दूसरा चरण भी 15 अप्रैल से चल रहा था, इसके विरोध में कई लोगों ने माननीय उच्च न्यायालय पटना में इस पर रोक लगाने हेतु केस दायर किया था,जिसकी सुनवाई 2 दिनों में पूरी करके हो चुकी थी,मगर फैसला को सुरक्षित रखा गया था,अंत में,अंतिम फैसला पटना उच्च न्यायालय ने दे ही दिया कि जातीय जनगणना पर अगले आदेश तक रोक रहेगा।जातीय जनगणना करने वाले कर्मियों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई है,उन्हें अलग से यह जिम्मेदारी निभानी पड़ती थी, जिसमें काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था,मगर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के कारण उन कर्मियों को मुक्ति मिल गई है। बहुत सारे राजनीतिक पार्टियों का कहना है कि इस आदेश से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बहुत आघात पहुंचा है,अब देखना यह होगा कि जातीय जनगणना कौन सा रूप धारण करेगी,यह आने वाला समय ही बता पाएगा।
जातीय जनगणना में जो भी डाटा संग्रहित किया गया है,उसे हटाया नहीं जाएगा,बल्कि उसको सुरक्षित रखा जाएगा ताकि पुनःप्रक्रिया होने पर काम आ सके। इससे संबंधित अगली सुनवाई पटना उच्च न्यायालय में 3 जुलाई को होगी।