ग़रीबों पर सदका-ए-फित्र देना वाजिब नहीं - उलमा किराम
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
तंजीम उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमज़ान हेल्पलाइन नंबरों पर सोमवार को सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने नमाज़, रोज़ा, जकात, फित्रा आदि के बारे में सवाल किए। उलमा किराम ने क़ुरआन व हदीस की रोशनी में जवाब दिया।
1. सवाल : क्या गरीबों पर भी सदका-ए-फित्र निकालना वाजिब है? (दानिश, मियां बाज़ार)
जवाब : नहीं। सदका-ए-फित्र सिर्फ मालिके निसाब पर वाजिब है ग़रीबों पर सदका-ए-फित्र देना वाजिब नहीं। हां अगर दे दें तो सवाब पाएंगे। (मुफ्ती मेराज)
2. सवाल : एडवांस रखी गई रकम पर जकात वाजिब है या नहीं? (सेराज, तकिया कवलदह)
जवाब : बाज़ मामलात में एडवांस रकम वापस नहीं होती ऐसी सूरत में उन पर जकात वाजिब नहीं, और बाज़ मामलात में रकम वापस हो जाती है ऐसी सूरत में उन पर जकात वाजिब है। (कारी मो. अनस रजवी)