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Sat, 13 Dec 2025 12:31 PM
धार्मिक / Nov 10, 2025

उर्स ए हामिदी मे देश भर के अकीदतमंद पहुंचे दरगाह।

192 मुफ्ती,आलिम,हाफ़िज़ और कारी को सौंपी गई डिग्रियां।

भारत समाचार न्यूज एजेंसी

बरेली, उत्तर प्रदेश।

उर्स-ए-हामिदी के आज दूसरे दिन हुज्जातुल इस्लाम मुफ़्ती हामिद रज़ा खान साहब (हामिद मियां) के कुल शरीफ की रस्म मुल्क भर से आये हज़ारों अकीदतमंदों की मौजूदगी में अदा की गयी। दरगाह प्रमुख हज़रत मौलाना सुब्हान रज़ा खान (सुब्हानी मियां) की सरपरस्ती व सज्जादानशीन मुफ़्ती अहसन रज़ा क़ादरी (अहसन मिया) की सदारत व सय्यद आसिफ मियां की देखरेख में देश के नामवर उलेमा की तक़रीर हुई। मदरसा मंज़र-ए-इस्लाम का 122 वा दीक्षांत समारोह (दस्तारबंदी) मनाया गया। फारिग सभी 192 तलबा(छात्रों) को हज़रत सुब्हानी मियां व मुफ़्ती अहसन मियां के हाथों डिग्रियां सौपकर दस्तारबंदी की गई। कार्यक्रम देर रात तक जारी था। 

  दरगाह से जुड़े नासिर कुरैशी ने बताया कि आज का आगाज़ बाद नमाज़-ए-फ़ज़्र कुरानख्वानी से हुआ। दिन में नात मनकबत का दौर जारी चला। शाम को शायर-ए-इस्लाम महशर बरेलवी,फ़ारूक़ मदनपुरी,हाजी गुलाम सुब्हानी व आसिम नूरी ने नात-ओ-मनकबत पाक का नज़राना पेश किया। मुख्य कार्यक्रम बाद नमाज़-ए-ईशा 9 बजे मदरसे के सदर मुफ़्ती आकिल रज़वी,वरिष्ठ मुफ़्ती मुफ़्ती सलीम नूरी बरेलवी,मुफ़्ती अय्यूब,खान,मुफ़्ती मोइनुद्दीन,मुफ़्ती सय्यद कफील हाशमी,मौलाना अख्तर हुसैन,मौलाना डॉक्टर एजाज़ अंजुम,मुफ्ती मुजीब,मुफ्ती सय्यद शाकिर अली,मुफ़्ती जमील,मुफ्ती कलीम उर रहमान की मौजूदगी में देश भर से आये नामवर उलेमा की तक़रीर का आगाज़ मुफ्ती ज़ईम रज़ा मंजरी ने कुरान की तिलावत से किया। 

   सज्जादानशीन बदरूशरिया मुफ्ती अहसन मियां ने सभी छात्रों से कहा कि हमेशा सुन्नियत और मसलक का वफादार रहते हुए बरेलवी मिशन को दुनिया भर में पहुंचाने काम करे। हर शख्स खुद और अपने बच्चों को इल्मे दीन जरूर सिखाए। इल्म इंसान में शऊर(समझ) पैदा करता है। उर्स-ए-हामिदी के मौके पर मरकज-ए-अहले सुन्नत बरेली का पैगाम यही है कि देश भर के सज्जादगान सुन्नी सूफी खानकाही विचार धारा के मिशन को आगे बढ़ाने का काम करे। मुफ़्ती सलीम नूरी बरेलवी ने खिताब करते हुए सभी फारिग तलबा(स्टूडेंट)से कहा कि वह अपने मज़हब के साथ अपने मुल्क से मोहब्बत करने की तालीम को देश भर में आम करने का काम करें। अल्लाह वालों के उर्स आपस में इत्तेहाद के लिए अहम भूमिका अदा करते है। मुफ़्ती आकिल रज़वी ने अपने खिताब में कहा कि हुज्जातुल इस्लाम अरबी फन के अंदर अदब में इस कदर माहिर थे कि अरब के बड़े-बड़े उलेमा कहते थे कि हिन्द के जितने उलेमा अरबी के जानकार है उनमें हमने मुफ्ती हामिद रज़ा से बढ़कर न देखा। मुफ़्ती अय्यूब खान ने खिराज़ पेश करते हुए कहा कि हुज्जातुल इस्लाम ने अपनी पूरी ज़िंदगी इल्मी खिदमात,फतावा नवेशी में गुजारी। साथ ही आप बहुत बड़े शायर भी थे। अल्लामा मुख्तार बहेडवी ने भी खिराज पेश किया। *रात 10 बजकर 35 मिनट पर मुफ़्ती हज़रत हामिद मियां के 85 वे कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। मुल्क व मिल्लत की खुशहाली के लिए ख़ुसूसी दुआ सज्जादानशीन बदरूशरिया मुफ़्ती अहसन मियां ने की। इसके बाद दीक्षांत समारोह शुरू हुआ। दरगाह प्रमुख हज़रत सुब्हानी मियां व सज्जादानशीन बदरूशरिया मुफ्ती अहसन मियां ने 22 मुफ़्ती,87 कारी,03 हाफिज व 80 आलिम कुल 192 तलबा को डिग्रियां सौपी गयी। निज़ामत (संचालन) कारी यूसुफ रज़ा संभली ने की।*

    उर्स की व्यवस्था में मुख्य रूप से रज़ाकार राशिद अली खान,मौलाना अबरार उल हक,शाहिद नूरी,अजमल नूरी,परवेज़ नूरी,नासिर कुरैशी,हाजी जावेद खान,औररंगज़ेब नूरी,ताहिर अल्वी,मंज़ूर रज़ा,काशिफ रज़ा,आलेनबी,हाजी शारिक नूरी,मुजाहिद बेग,इशरत नूरी,ज़ोहेब रज़ा,तारिक सईद,शान रज़ा,सबलू अल्वी,अब्दुल माजिद,सय्यद एजाज़,सय्यद माजिद,इरशाद रज़ा,अरबाज़ रज़ा,साजिद नूरी,नईम नूरी,साकिब रज़ा,समी खान,अजमल रज़ा,सुहैल रज़ा,साद रज़ा,शारिक बरकाती,हाजी अब्बास नूरी,काशिफ सुब्हानी आदि ने संभाली।


Jr. Seraj Ahmad Quraishi
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