युग परिवर्तन पर नया सृजन की आवश्यकता : शालिग्राम सिंह अशांत
रिपोर्ट मोहम्मद आसिफ अता
हाजीपुर (वैशाली) बिहार
हिंदी साहित्य सम्मेलन शाखा वैशाली के बैनर तले टैगोर हाई स्कूल हाजीपुर कैंपस में देश के चर्चित बाल साहित्यकार राज नारायण चौधरी की पुण्यतिथि पर कवि गोष्ठी सह सम्मान समारोह का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉक्टर शशिभूषण कुमार ने किया।जबकि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार एवं शिक्षाविद शालिग्राम सिंह अशांत थे । वरिष्ठ साहित्यकार शालिग्राम सिंह अशांत ने कहा कि बाल साहित्य के क्षेत्र में नई पीढ़ी की रचनाएं बाल पाठकों के बीच उत्कृष्टता के साथ देखी जा रही है और युग परिवर्तन के अनुसार बाल पाठकों के बीच नया सृजन की आवश्यकता है । कार्यक्रम का संचालन अमित कुमार विश्वास ने किया। काव्य गोष्ठी की शुरुआत डॉक्टर सुधांशु कुमार चक्रवर्ती की बाल साहित्य रचना " सूरज के गांव में ,पीपल के छांव में , हवाई जहाज बनाएंगे ,हवा में उड़ाएंगे ", युवा शिक्षाविद विश्वजीत कुमार की बाल साहित्य रचना " बाबा बाबा मुझे मकई के झौरे की तरह मरूए में लटका दो ..," वरिष्ठ रंगकर्मी एवं बज्जिका गीतकार अखौरी चंद्रशेखर ने
प्रसिद्ध बाल साहित्यकार राज नारायण चौधरी की रचनाओं का स्वर पाठ किया। उन्होंने मुख्य रचना में से सौ - सौ दीप जलाए तो क्या , मन का दीप जला तो ले .....",वरिष्ठ साहित्यकार माधव राव ने " छोड़ चलोगे जब इस दुनिया को ....", अमित कुमार विश्वास ने " बाल अधिकार है खेलना , गाना .....", डॉ.,, विवेका चौधरी ने " मईया मोरी,मुझे बुलाई...." आदि ने बाल कविता पाठ कर श्रोताओं से खूब तालियां बटोरी।
इस कार्यक्रम में डॉक्टर सुधांशु कुमार चक्रवर्ती,शंभू नाथ मिश्र,अखौरी चंद्रशेखर एवं विश्वजीत कुमार को प्रसिद्ध बाल साहित्यकार राज नारायण चौधरी साहित्य रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। विवेक रंजन,अभिषेक कुमार एवं डॉक्टर पंकज कुमार को भी सम्मानित किया गया।