शिक्षा से बड़ा कोई दान नहीं : सरफराज
हाजीपुर (वैशाली) बिहार
परिवर्तन के लिए शिक्षा सबसे प्रभावशाली और परिवर्तनकारी तंत्र है।शिक्षा केवल ज्ञान प्राप्त करने का साधन ही नहीं है बल्कि प्रगति,सशक्तीकरण और सामाजिक बदलाव की आधारशिला भी है।शिक्षा ताले की वह कुंजी है जो प्रगति, समृद्धि और सशक्तीकरण के द्वार खोलती है।शिक्षा सबसे बड़ा अधिकार और दान है।शिक्षा से बड़ा कोई मौलिक अधिकार नहीं हो सकता और शिक्षा से बड़ा कोई दान नहीं हो सकता।उक्त बातें शिक्षक सरफराज फाजिलपुरी ने प्रखंड के शाहपुर बघौनी पंचायत के फाजिलपुर गांव में स्थित दीनी मक़तब के नाम से चल रहे निःशुल्क शिक्षण संस्थान में कही।उन्होंने ने कहा कि फाजिलपुर में दो वर्ष से अधिक से निर्धन और असहाय बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षण कार्य किया जा रहा है।जिस में कमज़ोर वर्ग के बच्चों मुफ़्त पुस्तक,क़लम और कॉपियां दी जाती है।मुफ़्त शिक्षण संस्थान चलाने का उद्देश्य। शिक्षा का अलक जगाना और बच्चों को शिक्षित करना है।मक़तब के संचालक मौलाना मोहम्मद अंजर नदवी ने कहा कि 80 से 85 बच्चे प्रतिदिन यहां आते हैं, जिन को शिक्षा दी जा रही है।यह सभी बहुत ही कमज़ोर वर्ग से आते हैं हम ने अपने संस्था का समय स्कूल के समय के विपरीत रखा है अगर स्कूल मार्निंग होता है तो दुपहरी में क्लास चलाते हैं और अगर स्कूल साधारण समय पर चलता है तो प्रातःकाल में मक़तब चलाते हैं।संस्था खुलने से बच्चों को काफी फ़ायदा हुआ है शिक्षा के प्रति बच्चों को रुझान बढ़ा है।इस प्रकार का निःशुल्क संस्था खुलना चाहिए।आज बच्चों के बीच वार्षिक मूल्यांक में सफलता हासिल करने वाले बच्चों को पुस्तक,क़लम और कॉपियां दे कर पुरस्कृत किया गया है।इस अवसर पर मोहम्मद फैयाज,मोहम्मद इमरान,मोहम्मद इमाद अनवर आदि मौजूद थे।