हज़रत मखदूम शाह आला ने पूरी जिंदगी लोगों को खिदमत इंसानियत का पैगाम दिया।
हफ़ीज अहमद खान
कानपुर नगर उत्तर प्रदेश।
हजरत शेख़ अलाउल हक वद्दीन यूसुफ अल मारूफ मखदूम शाह आला अलैहिर्रहमह जाजमऊ 21 रमज़ान 571 हिजरी मुताबिक माह अगस्त 1175 ई. को ईरान के एक इलाका ज़ंजान में पैदा हुए शुरुआती तालीम के बाद हुसूले इल्म की खातिर बगदाद का सफर फरमाया जहां 2 साल तक रहे वहीं पर आपने कुरान हदीस तफसीर अदब फिकह तारीख शरीयत व तरीकत आदि के मुकम्मल उलूम हासिल किए उस मुकद्दस बस्ती में हजरत ख्वाजा गरीब नवाज अलैहिर्रहमा से मुलाकात हुई ख्वाजा गरीब नवाज ने आपको खिलाफत से नवाजा आपको खिलाफत कादरीया और सोहरवरदिया भी हासिल थी आबाई वतन वापस आने के बाद आपने हिंदुस्तान का सफर फरमाया और दिल्ली में कयाम किया यह दौर सुल्तान ऐबक का था उधर ख्वाजा गरीब नवाज अजमेर में बैठकर पूरे मुल्क में रूहानी हुकुमत फरमा रहे थे और दिल्ली को ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी अलैहिर्रहमा के सुपुर्द कर दिया था बादशाह ऐबक को जब मालूम हुआ की एक अल्लाह का वली दिल्ली में आया हुआ है तो ऐबक ने पुरजोश इस्तकबाल किया और कदम बोसी की फिर दिल्ली से आप जाजमऊ तशरीफ लाए और जालिमाना इकतेदार का खात्मा फरमा कर पूरे इलाके में इंसाफ का परचम लहरा दिया इन खयालात का इज़हार जामिया अशरफुल मदारिस गद्दीयाना में ऑल इंडिया गरीब नवाज काउंसिल के तत्वाधान में जमआयोजित जश्ने मखदूम शाह आला में मौलाना मोहम्मद हाशिम अशरफी इमाम ईदगाह गद्दीयाना ने किया मौलाना अशरफी ने कहा कि हजरत मखदूम शाह आला ने अपनी जिंदगी के 60 साल जाजमऊ में गुजरकर इस इलाके को फुयूजो बरकात से मालामाल कर दिया 27 सफर को आपका विसाल हुआ आपकी उम्र मुबारक 125 साल थी मजार शरीफ़ तारीखी मकाम जाजमऊ में है जहां बिना भेदभाव हिंदू मुस्लिम सिख इसाई सभी हाजिरी देकर मुराद पते हैं आपके मजार और गुंबद की तामीर अबुल मुजफ्फर फिरोज शाह तुगलक ने कराई और गुंबद का डिजाइन अबुल मुबारक मोहम्मद ने किया और मखदूम पाक के रोजे के बानी शेख ज़ादा शहीद गयासुल हक वद्दीन मोहम्मद बिन यूसुफ हैं जोकि मखदूम पाक के साहबजादे थे आपने पूरी जिंदगी लोगों को खिदमत इंसानियत हक़ सदाकत सच्चाई इंसाफ हमदर्दी खुलूस प्यार मोहब्बत अमन शांति भाई चारे का पैगाम दिया जलसे की सदारत जनाब अदनान राफे फारूकी सज्जादा नशीन आस्ताना मखदूम शाला जाजमऊ ने फरमाई सज्जादा नशीन और दरगाह कमेटी के सदर व सरपरस्त जनाब इरशाद आलम का हार फूल से शानदार इस्तकबाल किया गया इससे पूर्व तिलावत कुरान ए पाक से कारी सय्यद कासिम बरकाती ने किया और नातो मन्क़बत के नजराने हाजी सैयद खुर्शीद आलम सदरे इस्तिकबलिया काउंसिल, मोहम्मद हसन शिबली अशरफी कारी मोहम्मद अहमद अशरफी ने पेश किए संचालन हाफिज मोहम्मद अरशद अली अशरफी ने किया सलातो सलाम के बाद मुल्क की तरक्की,खुशहाली,अमन के लिए दुआएं की गई इस अवसर पर प्रमुख रूप से मौलाना फतेह मोहम्मद कादरी,हाफिज मिन्हजुद्दीन कादरी,मौलाना आबिद रजा मिस्बाही,मौलाना महमूद हस्सान अख्तर अलीमी,मौलाना गुल मोहम्मद,मौलाना मसूद मिस्बाही,कारी आज़ाद अशरफी,हाफिज नियाज़ अहमद अशरफी,मौलाना शब्बीर आलम,हाफिज मसूद अशरफी,हाफिज मुश्ताक अशरफी,मास्टर नोमान अख्तर,हाजी हैदर अली,शरीफ़ अहमद आदि l