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Wed, 18 Jun 2025 08:25 AM

ग्रामीण विकास के लिए आर्थिक, समाजिक और पर्यावरण के अनुकूल हो - कमलेश पासवान

निष्पाद समीक्षा समिति की बैठक संपन्न।

दिल्ली।

निष्पाद समीक्षा समिति की बैठक सुषमा स्वराज भवन चाणक्यपुरी नई दिल्ली में सम्पन्न हुई। जिसके मुख्य अतिथि केन्द्रीय ग्रामीण विकास राज्यमंत्री कमलेश पासवान थे।

 बैठक में सर्व प्रथम मुख्य अतिथि केन्द्रीय राज्यमंत्री कमलेश पासवान को पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर कमलेश पासवान ने कहा कि सबसे पहले मैं आप सभी का इस महत्वपूर्ण बैठक में उपस्थित होने के लिए धन्यवाद देता हूं कि यह हमारा सौभाग्य है कि आज हमें यहाँ पहली निष्पादन समीक्षा समिति 2024-25 की बैठक में शामिल होने का अवसर प्राप्त हुआ है। इस समिति का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हमारी योजनाओं और कार्यक्रमों का सही और प्रभावी तरीके से क्रियान्वयन हो रहा है। हम इस बैठक में विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करेंगे। जैसा कि हम सभी जानते है कि भारत की आत्मा गांवों में बसती है। हमारी आबादी की 70 प्रतिशत जनसंख्या अभी भी गांवों में निवास करती है। ग्रामीण विकास मंत्रालय का उद्देश्य बहुआयामी नितियों के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में समावेशी और स्थाई विकास करना है। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास तभी संभव है, जब वर्तमान ग्रामीण संरचना का सुदृढ़ीकरण के साथ-साथ नए अवसरों का निर्माण हो, जिसके फलस्वरूप आजीविकाओं के अवसर बढ़ेगे रोजगार का सृजन होगा, ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले युवा साथियों को वहीं कौशल विकास के माध्यम से वहीं रोजगार के अवसर प्राप्त होगें। इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों में बसने वाले युवा मात्र रोगजार लेने वाले ही नहीं अपितु रोजगार देने वाले भी बनेंगे। ग्रामीण विकास के लिए हमें ऐसी दृष्टि को अपनाना होगा जिसमें यह विकास आर्थिक भी हो, सामाजिक भी हो और पर्यावरण अनुकूल भी हो। उक्त तीनों महत्वपूर्ण मापदण्डों को ध्यान में रखते हुए हम सभी को हमारे निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ती हेतु कार्ययोजनाओं पर काम करना होगा। प्रधान मंत्री आवास योजना (ग्रामीण), प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लम्बित कार्यों को तेजी से पूर्ण करवाने में अपका सहयोग अपेक्षित है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, दीन दयाल उपाध्याय कौशल्य योजना, ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा), राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम, सांसद आदर्श ग्राम योजना, विकास समन्ध्रय एवं निगरानी समिति, श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन। हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का मानना है, "जब गांवों का विकास होता है, तब देश का विकास होता है।" इसी भावना के साथ, हम सभी यहां एकत्रित हुए हैं ताकि हमारे गांवों का समग्र विकास हो सके और आगामी वर्ष के लिए नई योजनाओं और नीतियों पर विचार- विमर्श कर सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास को ध्यान में रखते हुए गुणात्मक विकास की दिशा और दृष्टि अपनाने का संकल्प लिया है। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की हमारी सरकार ने के तहत जो लक्ष्य निर्धारित किए थे, उन्हें पूरा करने में हम सफल हुए हैं। 11 जुलाई, 2024 तक हमने 2.95 करोड़ घरों के लक्ष्य में से 2,94,67,490 घरों को स्वीकृत कर दिया है, जो कि कुल लक्ष्य का 99.9% है। यह हमारे सामूहिक प्रयासों का परिणाम है और इसके लिए मैं आप सभी को बधाई देना चाहता हूं। शेष घरों की स्वीकृति सबसे पहले की जानी चाहिए। असम और हिमाचल प्रदेश में आदर्श आचार संहिता के लागू होने के कारण स्वीकृति में विलंब हुआ है। असम और हिमाचल प्रदेश को लंबित स्वीकृतियों को प्राथमिकता पर पूरा करने का अनुरोध किया जाता है। बात 2024-25 के लिए घरों की स्वीकृति के लक्ष्यों की करें तो अंतरिम बजट में एफ वाई 2024-2025 के लिए यह घोषणा की गई थी कि अगले पांच वर्षों में हम 2 करोड़ अधिक घर बनाएँगे । इस घोषणा के अनुसार, हमें इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तत्पर रहना होगा। हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लक्ष्यों के आवंटन के 100 दिनों के भीतर पहली किस्त जारी कर दी जाए। लाभार्थियों की पहचान और चयन प्रधानमंत्री आवास योजना की आधारशिला रही है। इस संबंध में, निम्मलिखित कार्य बिंदु हैं जिन्हें राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा पूरा किया जाना चाहिए। आवास + 2018 सूची का अपडेशन संशोधित रिवाइज्ड एक्सक्लूजन मानदंडों के अनुसार किया जाए।ई केवाईसी ऑथेंटिकेशन का उपयोग करते हुए आवास+ 2018 सूची को अपडेट किया जाए, योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए अधिकारियों का ओरिएंटेशन किया जाए। जहां तक आवास प्लस सूची में भूमिहीन परिवारों की पहचान का संबंध है तो राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से अनुरोध है कि वे यह सुनिश्चित करें कि लाभार्थी को सरकारी भूमि या किसी अन्य भूमि पर आवास प्रदान किया जाए, जिसमें पंचायत की सामान्य भूमि, सामुदायिक भूमि, या अन्य स्थानीय प्राधिकरणों की भूमि शामिल हो। हम ग्रामीण सड़कों के निर्माण की चर्चा करें तो हमारे दिवंगत नेता पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी का सपना था कि हर गाँव सड़कों से जुड़ा हो। सड़कों का निर्माण केवल परिवहन का साधन ही नहीं है, बल्कि यह गाँवों को शहरों से जोड़ने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने का एक महत्वपूर्ण साधन है। "लखपति दीदी" और "ड्रोन दीदी" जैसी पहलें भी इसी दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं, जो ग्रामीण भारत का चेहरा बदल सकती हैं। यशस्वी प्रधानमंत्री मोदीजी के 100 दिनों के विज़न में इस दिशा में कदम उठाना हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। दीनदयाल उपाध्याय जी ने कहा था, "हमारा उद्देश्य अंत्योदय है, अर्थात समाज के सबसे निचले पायदान पर खड़े व्यक्ति का उत्थान करना।" आदरणीय नरेंद्र मोदी जी की प्रेरणा से इसी सिद्धांत को आधार बनाकर, हमें यह सुनिश्चित करना है कि हमारे विकास कार्यक्रमों का लाभ ग्रामीण समाज के हर वर्ग को पहुँचे, विशेष रूप से वे ग्रामीण लोग जो आज भी विकास की मुख्यधारा से दूर हैं। आकांक्षी जिलों और आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों में भी विकास की रफ्तार में तेजी लाने का अनुरोध आप सभी से करता हूँ। इसके साथ-साथ हमे पूर्वोत्तर के राज्यों में भी विकास में और अधिक तेजी लाने की आवश्यकता है। दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना ग्रामीण युवाओं को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य कर रही है। भारत एक युवा देश है, हम सभी जानते हैं कि युवा ही देश का नया कल लिखते है।

शहरों मे रहने वाले नौजवानों के लिए अनेकों अवसर उपलब्ध है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों मे रहने वाले नौजवान अपनी पढ़ाई तक पूरी नहीं कर पाते हैं, ऐसे ही नौजवानों को कौशल प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोड़ने का काम किया जा रहा है। युवाओं के लिए चलाई जा रही कौशल से आत्मनिर्भर बनने तक की यह योजना प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के लिए भारत की नई उड़ान के संकल्प को सिद्धि की और ले जाती नजर आने लगी है। युवाओं को कौशल से आत्मनिर्भर बनाने तक और गाँव से सपनों की पूर्ति तक दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना गाँवों के युवाओं का साथ दे रही है। इस योजना से देश के करोड़ो युवाओं का भविष्य बदल रहा है, उनके हुनर को गाँवों में रहकर ही संवरने का मौका भी मिल रहा है।कमलेश पासवान ने कहा कि दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के प्रशिक्षित नौजवानों को बेहतर प्लेसमेंट के अवसर उपलब्ध करवाने की आवश्यकता है, इसके लिए कंपनियों और नियुक्तियों के साथ बैठकें आयोजित करनी होगी। हम सब मिलकर अपने देश के गांवों का विकास करेंगे और एक सशक्त, समृद्ध और आत्मनिर्भर भारत का निर्माण करेंगे। इस अवसर पर शैलेश कुमार सिंह सचिव, श्रीमती कैरलीन खोगंवार देशमुख अतिरिक्त सचिव, एस.के.उज्जैनिया अतिरिक्त सचिव, चरणजीत सिंह अतिरिक्त सचिव, कुन्तल सेनशर्मा मुख्य आर्थिक सलाहकार, श्रीमती तनुजा ठाकुर खालको संयुक्त सचिव, पंकज यादव संयुक्त सचिव और मंत्रालय व विभिन्न राज्यों से आए अधिकारीगण उपस्थित रहे।

Jr. Seraj Ahmad Quraishi
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