मगध कृषि विश्वविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र की स्थापना हेतू संघर्ष तेज होगा: कॉंग्रेस
रिपोर्ट विनोद विरोधी
गया। मध्य- दक्षिण बिहार के कृषि क्षेत्र में बढावा देने तथा कृषि अनुसंधान हेतु मगध प्रमंडल के गया जिला अंतर्गत फतेहपुर प्रखंड के लोधवे - कांटी गांव में मगध विश्वविद्यालय के 200 एकड़ परती जमीन पर तत्कालीन केन्द्रीय कृषि मंत्री चतुरानन मिश्रा ने सन 1988 में शिलान्यास किया था। बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह मगध कृषि विश्वविद्यालय सह अनुसंधान केंद्र निर्माण कराओ संघर्ष समिति के संयोजक प्रोफेसर विजय कुमार मिट्ठू ने कहा कि मगध कृषि विश्वविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र के शिलान्यास के 36 वर्ष बीत जाने के बाद भी बिहार सरकार की अनदेखी के कारण अभी तक स्थापना एवं निर्माण कार्य शुरू नहीं होने से मध्य- दक्षिण बिहार के किसानों, मजदूरों, छात्रों में भयानक आक्रोश है।उन्होने कहा कि संघर्ष समिति विगत 36 वर्षो से लगातार धरना-प्रदर्शन कर केन्द्र एवं राज्य सरकारों को ज्ञापन देने का काम करते आ रही है ।
ज्ञापन देने के उपरांत सन 2006 में तत्कालीन केन्द्रीय कृषि राज्य मंत्री व वर्तमान में बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ अखिलेश प्रसाद सिंह ने संघर्ष समिति को पत्राचार कर बताये थे कि किसी भी राज्य में राज्य स्तरीय विश्वविद्यालय खोलने हेतु सबसे पहले राज्य सरकार को निर्णय लेना होता है , जो अभी तक नहीं बिहार सरकार द्वारा नहीं लिया गया है।उन्होने कहा कि गया जिला के फतेहपुर प्रखंड के लोधवे , कांटी में मगध विश्वविद्यालय के नाम 200 एकड़ जमीन बुधौली महंत नवादा के पूर्व सांसद सूर्य प्रकाश पूरी ने दान किया था, जिसका आज कुछ भाग परती तथा कुछ अतिक्रमण एवं क़ब्ज़ा है ।उन्होंने कहा कि 01 अगस्त 2024 को फतेहपुर प्रखंड के लोधवे - कांटी में विशाल धरना-प्रदर्शन का आयोजन कर केंद्रीय कृषि मंत्री एवं मुख्यमंत्री बिहार को विस्तृत ज्ञापन भेजा जाएगा।उन्होने कहा कि स्थानीय स्तर पर फतेहपुर प्रखंड कॉंग्रेस कमिटी के अध्यक्ष बालमुकुंद पांडेय, पंकज कुमार पंकज, बुलंद अख्तर, अरविंद कुमार, नरेंद्र सिंह को धरना-प्रदर्शन की तैयारी की जिम्मेवारी दी गई है।