हमें अपनें जीवन को धन्य बनाने के लिए गुरु से बढ़ कर कोई नहीं :- परिबज्रकाचार्य स्वामी ईश्वरदास ब्रह्मचारी
रिपोर्ट - धनंजय शर्मा
बेल्थरारोड (बलिया)। श्री अद्वैत शिवशक्ति परमधाम डूहा मठ के परिबज्रकाचार्य स्वामी ईश्वरदास ब्रह्मचारी ने अपनी 83वें जन्म दिवस के मौके पर सांस्कारिक जीवन शैली की चर्चा करते हुए 5 हजार वर्ष पूर्व हुए 108 कुण्डीय अद्वैत श्री शिवशक्ति कोटि होमात्मक श्री राजसूय महायज्ञ करने का संकल्प लिया। कहा कि जन कल्याण के लिए कलिकाल में बहुत ही महत्वपूर्ण साबित होगा। जब कि यह यज्ञ द्वापर एवं त्रेता में संपन्न हुआ था। उन्होने श्री बन खण्डीनाथ (श्री नागेश्वर महादेव) मठ ग्राम डूहां में आगामी 11 दिसम्बर से 19 जनवरी तक किये जाने की जानकारी दी।
डूहा मठ के परिबज्रकाचार्य स्वामी ईश्वरदास ब्रह्मचारी ने शिव व परमात्मा के बीच अन्तर को समझाने की चर्चा करते हुए कहा कि हमें अपने जीवन को धन्य बनाने के लिए गुरु से बढ़ कर कोई नही।
उन्होने 108 कुण्डीय अद्वैत श्री शिवशक्ति कोटि होमात्मक श्री राजसूय महायज्ञ करने के सम्बन्ध में उपस्थित सभी भक्तों से यज्ञ की रुप रेखा की चर्चा करते हुए तन-मन और धन से सहयोग देकर सफल बनाने की अपील की।
इस मौके पर कीर्तन, पूजन, हवन व गुरु आरती का कार्यक्रम सम्पन्न किया गया। अंत में सभी ने पुड़ी, खीर व सब्जी का महाप्रसाद भी ग्रहण किया। इस मौके पर सैकड़ों की संख्या में मठ के अनुवाई पहुंचे हुए थे। अपने गुरु के जन्म दिवस पर शिष्यों ने बस्त्र, फल, मिष्ठान आदि भी भेंट किया।