जेपी व कर्पूरी की धरती का नया अवतार, तेजस्वी प्रसाद।
बिहार की धरती पर तेजस्वी के रूप में एक ऐसे नायक ने अवतार ले लिया है जो लालू, जेपी, लोहिया और कर्पूरी ठाकुर के सपनों को साकार करने की क्षमता रखता है
लेखक - मो0 रफी
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मोहम्मद आसिफ अता
हाजीपुर (वैशाली)लोकतंत्र की जननी, महावीर व गौतम बुद्ध की जन्मस्थली, गांधी व जयप्रकाश की प्रयोग स्थली बिहार की पावन धरती पर कर्मयोगी तेजस्वी प्रसाद यादव ने अवतरण लिया है। इस धरती का इतिहास गौरवशाली है, भविष्य इसका भव्य एवं देदीप्यमान होगा, इस का जीता-जागता प्रमाण सड़क से सदन तक और पत्र - पत्रिकाओं से टीवी स्क्रीन पर तेजस्वी प्रसाद यादव के बहते निर्मल शब्द हैं।
मुकदमों के जंजाल में फंसा, विश्व की सबसे बड़ी व भारत की सर्वशक्तिमान पार्टी भाजपा का पहला निशाना तेजस्वी प्रसाद यादव में बिहार का भविष्य दिख रहा है। बिहार में जिस परिवर्तन की बुनियाद जननायक कर्पूरी ठाकुर ने रखी थी उसे लालू प्रसाद यादव ने साकार किया, उन्होंने कर्पूरी ठाकुर ही नहीं बल्कि जयप्रकाश नारायण और लोहिया के सपनों का बिहार बनाया। उन्हीं महापुरूषों की परछाई युवा सम्राट, यशश्वी लालू जी के लाल, बिहार के गरीब, पिछड़े, दलित व अकलियतों का स्वाभिमान तेजस्वी प्रसाद यादव में स्पष्ट दिख रहा है। तेजस्वी यादव आज युवाओं के आईकाॅन बन गये हैं, बिहार की वह नई उम्मीद बन गये हैं। काम करने का जुनून व जोशिला तेवर और बहुत कुछ कर गुजरने की इच्छा ने उनके मन को इतना बलशाली बना दिया है कि उनके मुंह से निकलने वाला स्वर, आत्मविश्वास से लबरेज होता है, क्रांतिकारी परिवर्तन का वाहक प्रतीत होता है। तेजस्वी प्रसाद यादव के आत्मविश्वास का एक शानदार उदाहरण रजत शर्मा के आपकी अदालत में मिलता है। रजत शर्मा की आपकी अदालत में तेजस्वी यादव पर यह आरोप लगाया गया कि आप देश तोड़ने वालों का साथ देते हैं, भाजपा नेता गिरिराज सिंह को शिकायत है कि आपके नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी बन्दे मातरम नहीं कहते हैं। तेजस्वी प्रसाद यादव ने रजत शर्मा और उपस्थित दर्शकों को संबोधित करते हुए कहा कि ये कोई मुद्दा नहीं है, मुद्दा क्या है, किसानों का आय दोगुना करना, किसानों का कर्ज माफी करना, नौजवानों को दो करोड़ रोजगार देना, जो हर एक साल वादा किया गया था, सही शिक्षा मिले, लोगों को क्वालिटी आॕफ एजुकेशन मिले, स्वास्थ्य की सुविधाएं ठीक हों, संविधान हमारा जो खतरे में है वो बचे, देश में महंगाई जो चरम सीमा पर है, वो कम हों, ये सारे मुद्दे हैं। लेकिन बीजेपी जब हारने लगती है, जब उनकी दाल नहीं गलती है, जब उनके पास जवाब नहीं होता है मुद्दे का तो वो लोग इसी चीजों पर बातें करते हैं। देखिए बीजेपी का ऐजेण्डा क्या है, जब किसान हमारे गिड़गिड़ाते हुए, रेंगते हुए जब प्रधानमंत्री के पास जाते हैं तो प्रधानमंत्री को किसान से मिलने का समय नहीं होता, बल्कि लाठी चलवाते हैं किसानों पर और समय कहां होता है प्रधानमंत्री को जाने का तो वो प्रियंका चोपड़ा की शादी में जाने का। तो अगर आप देखिए रोजगार के बारे में चर्चा नहीं हुई, देश की आर्थिक स्थिति कैसे सुधरे इस पर चर्चा नहीं हुई, गरीबी कैसे मिटे इस पर चर्चा नहीं हुई, चर्चा किस पर हुई पांच साल “ हिन्दु - मुस्लिम, मन्दिर - मस्जिद, पाकिस्तान और कश्मीर। बीजेपी समाज में जहर घोलने का काम करती है, हम तलवार में नहीं कलम में विश्वास रखते हैं । बीजेपी अभी कोई भी पर्व - त्योहार आएगा, पता नहीं कहां से लाखों लाख की संख्या में तलवार ले आतें हैं। तेजस्वी प्रसाद यादव का आप की अदालत में भारत के वरिष्ठ पत्रकार रजत शर्मा को कही गईं बातों का प्रचार करना मेरा उद्देश्य नहीं है, मेरा उद्देश्य है कि तेजस्वी जिसे अभी तक हम अपरिपक्व व बच्चा समझते रहे हैं, नीतीश जी को सम्मान से वह चचा बुलाते हैं, यह उनका संस्कार है जो उन्हें अपने पिता लालू प्रसाद यादव व माता राबड़ी देवी से मिला है। लेकिन अब वह बच्चा नहीं है बल्कि एक बच्चा के पिता हैं, राजनीति में परिपक्व हो एक मझे हुए खिलाड़ी की तरह मजबूती से पिच पर खड़े हैं और बिहार की प्रथम पंक्ति के राजनेताओं के वह चचा प्रतीत होते हैं।
तेजस्वी प्रसाद यादव ने जिस उत्साह और उमंग के साथ, आत्मविश्वास से लबरेज बिहार में जन विश्वास यात्रा किया और फिर उनके बुलावे पर 3 मार्च को बिहार की जनता ने पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान को भर दिया। यह तेजस्वी प्रसाद यादव के सफल नेतृत्व का ही परिचायक है। नीतीश कुमार के उप मुख्यमंत्री रहते उन्होंने खामूशी से ऐसा काम किया कि उससे उनका राजनीतिक कद काफी बड़ा हो गया। नीतीश जी ने अपने स्वभाव के अनुरूप जब पलटी मारी तो तेजस्वी यादव ने अपने कामों का प्रचार 17 साल बनाम 17 महीने के रुप में किया जिसे बिहार की जनता ने स्वीकार किया, वह सहमत दिखे कि महागठबंधन की सरकार नीतीश कुमार के नेतृत्व में चली जरुर लेकिन काम करने का थीम, आईडिया तेजस्वी यादव का ही था। उन्होंने नौकरी के लिए नौजवानों से जो वादा किया था उसे पूरा करने की दिशा में तेजी से काम किया। बड़े ही विश्वास के साथ तेजस्वी यादव कहते हैं कि हमने 70 दिनों में जो काम कर के दिखाया है उससे यह माहौल बना है कि अब कोई भी सरकार होगी उसे रोजगार पर बात करनी होगी। यह बड़ी बात है कि जब पूरा देश भाजपा मय हो चुका है ऐसे में तेजस्वी यादव की हुंकार और उनके विश्वास से यह साबित होता है कि बिहार की धरती पर तेजस्वी के रूप में एक ऐसे नायक ने अवतार ले लिया है जो लालू, जेपी, लोहिया और कर्पूरी ठाकुर के सपनों को साकार करने की क्षमता रखता है, जिससे भाजपा के खेमे में बेचैनी दिखती है।