दीनी शिक्षा का बहुत अधिक महत्व है - मुफ्ती अख्तर
शराब मानव समाज के लिए अभिशाप - कारी अनस
सैय्यद फरहान अहमद
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
मकतब इस्लामियात चिंगी शहीद इमामबाड़ा तुर्कमानपुर में दूसरी महाना दीनी महफ़िल हुई। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत से आगाज हुआ। नात व मनकबत पेश की गई।
अध्यक्षता करते हुए मुफ्ती अख्तर हुसैन ने कहा कि दीनी शिक्षा का बहुत अधिक महत्व है। यह मानव जीवन के लिए बहुत आवश्यक है। दीनी शिक्षा से हमें ज्ञान, विश्लेषण और विचार की क्षमता मिलती है जो हमें संज्ञान कराती है कि कैसे अपनी ज़िंदगी को बेहतर बनाया जा सकता है। दीनी शिक्षा से हम समाज के लिए उचित निर्णय लेने में सक्षम होते हैं। दीनी शिक्षा हमें ज्ञान, समझ और नैतिकता के साथ-साथ अन्य उपयोगी विशेषताओं की विकसित करने में मदद करती है।
विशिष्ट वक्ता कारी मो. अनस रजवी ने कहा कि पवित्र क़ुरआन व हदीस में शराब व जुआ आदि की मनाही है। हदीस में है कि ‘शराब तमाम बुराईयों की जड़ है और तमाम बुराईयों में सबसे ज़्यादा शर्मनाक है’ और यह भी है कि ‘प्रत्येक वस्तु जिसकी अधिक मात्रा नशा करती हो, उसकी थोड़ी मात्रा भी हराम है।’ इस हदीस से अभिप्राय यह सामने आता है कि एक घूंट अथवा कुछ बूंदों की भी गुंजाइश नहीं है। लिहाजा कुरआन व हदीस पर अमल किया जाए और हर बुराई से बचा जाए। शराब मानव समाज के लिए अभिशाप है। शराब के कारण विश्व के करोड़ों लोगों का जीवन नष्ट हो रहा है। समाज की अनेकों समस्याओं की बुनियादी वजह केवल शराब है। अपराधों में वृद्धि और विश्वभर में करोड़ों बर्बाद घराने शराब की विनाशलीला का ही मौन उदाहरण हैं।
विशिष्ट वक्ता मुफ्ती मो. अजहर शम्सी ने कहा कि दीनी शिक्षा आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है। शिक्षित लोग स्वयं अपने भविष्य का निर्माण कर सकते हैं और अपने देश के विकास में भी मदद कर सकते हैं। दीनी शिक्षा के बिना व्यक्ति केवल अंधेरे में तलाश करता रहता है। दीनी शिक्षा से व्यक्ति को संदेह का सामना नहीं करना पड़ता है और वह समझदार निर्णय लेने में सक्षम होता है, इसलिए दीनी शिक्षा जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है
अंत में दरूदो सलाम पढ़कर मुल्क में खुशहाली व तरक्की की दुआ मांगी गई। महफ़िल में हाफिज सैफ रजा, हाफिज अशरफ रजा, मौलाना दानिश रज़ा अशरफी, आकिब अंसारी, हाजी जलालुद्दीन कादरी, मो. निजामुद्दीन, मो. शहबाज, मो. सफियान, मो. रेहान, मो. शब्बीर अंसारी, आदि ने शिरकत की।