कलम टूटने लगी स्याही सूखने लगी विरोध जताकर सोपा ज्ञापन।
हफ़ीज अहमद खान
कानपुर नगर, उत्तर प्रदेश।
नागरिक मंच के तत्वाधान में एक ज्ञापन द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति को कानपुर के जिला अधिकारी के माध्यम से कलेक्ट भवन से भेजा जिसमें "कलम टूटने लगी है, स्याही सूखने लगी है" "कमर टूटने लगी है ,गला सूखने लगा है "जैसे श्लोगनों का उच्चारण करते हुए मौजूद अधिकारियों को ज्ञापन दिया उक्त ज्ञापन में देश के चौथे स्तंभ पर विगत दिनों पत्रकारों को गिरफ्तार व मीडिया पर अंकुश लगाने का प्रयास किया गया देश ही नहीं पूरे विश्व के कोने-कोने के लोग हास्यास्पद रह गए 46 पत्रकारों से पूछताछ के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा उनके मोबाइल व लैपटॉप जबत कर लिए और पत्रकारों को उठा ले गई पूछताछ के बाद कुछ पत्रकारों को छोड़ दिया और कुछ लोगों को गिरफ्तार कर लिया क्या अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना अपराध है? क्या यह गैर कानूनी या देशद्रोह की श्रेणी में आता है ?क्या मीडिया की भूमिका सरकार की सराहना करना ही है ? क्या वे गलत सवालों को जनता के बीच नहीं रख सकते? खेद है कि आए दिन पत्रकार विचारक व टिप्पणीकरता पर दबाव डाला जा रहा है जो ज्ञात हुआ है यह लोकतंत्र का हनन है, यह वह स्वराज नहीं है जिसके लिए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व उनके स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी कुर्बानियां दी है विश्व के बड़े-बड़े चैनलों के ने गिरफ्तार पत्रकार बंधुओ पर हुई गिरफ्तारी पर सवाल उठाएं क्या हम इस तरह विश्व गुरु बन सकते हैं ज्ञापन में विगत दिनों 46 पत्रकारों की गिरफ्तारी पूछताछ व संस्थानों में तालाबंदी के विरोध में लिखा गया है मोबाइल व फोन लैपटॉप भी जो जप्त किए गए उसे भी खुले आम समाज के चौथे स्तंभ को इस प्रकार ढहाने का प्रयास किया जा रहा है जैसे देश में लोकशाही नहीं तानाशाही है कभी इनकम टैक्स कभी एनफोर्समेंट डिपार्मेंट (ई. डी) जी.एस.टी.जैसे विभागों द्वारा छापे मारे जाते हैं पैगसेस जैसे उपकरण द्वारा किसी भी फोन या लैपटॉप को हैंग किया जा सकता है और उससे आपत्तिजनक व राष्ट्रद्रोही संदेश ईमेल डाला जा सकता है एक बार व्यक्ति फंसा तो बिना चार्जशीट या ट्रायल के जेल में हो में रहो या फिर वही मर जाओ जैसे फादर स्टैंन स्वामी मामले में हुआ इन सभी अशका़ओं के कारण राष्ट्रपति महोदया को इस निवेदन के साथ ज्ञापन भेजा कि केंद्र सरकार को निर्देशित करें कि वह कोई ऐसी कार्रवाई न करें जिससे कि समाज का विश्वास टूट जाए और विश्व भर में बदनामी हो ऐसे दबंगई कर विश्व गुरु बनाने के लक्षण तो नहीं है प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व गांधीवादी सुरेश गुप्ता व छोटे भाई नेरोना ने किया साथ में सर्व विजय चावला नरेश अग्रवाल नरेश अग्रवाल महेश भाई,के.एम.भाई ,नसीम रजा, शिवा सिंह ,ओमेंद्र कुमार, रानी देवी अनिल सोनकर शंकर सिंह आनंद गौतम एडवोकेट आदि थे