नारी शक्ति वंदन अधिनियम, महिला आरक्षण पर कहीं खुशी,कहीं गम का माहौल --सुरैया सहाब
शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया, बिहार।
भारतीय संसद में महिला आरक्षण,नारी शक्ति वंदन अधिनियम बहुमत सेअधिक, मात्र विरोध में दो वोट पडने के बाद भी पास होने पर, महिलाओं में एक तरफ खुशी का माहौल है,तो दूसरी और गम का भी माहौल छाया हुआ है।अधिकतर महिलाओं का कहना है कि इसअधिनियम का संसद से पास होना तो बहुत खुशी की बात है,साथ ही राज्यसभा से भी यह पारित हो ही जाएगा,मगर आने वाले लोकसभा चुनाव 2024,व विधानसभा चुनाव 2025 में इस को लागू नहीं करना महिलाओं केअधिकार का हनन हो रहा है,विगत 27 वर्षों से यह महिलाआरक्षण आपसी द्वंदाता के चलते लोकसभा से पारित नहीं हो रहा था,यह पहला मौका है कि लोकसभा से यह,नारी शक्ति वंदन अधिनियम बनकर पास तो हो गया,मगर महिलाओं को जो अधिकार,कर्तव्य में जो छूट मिलनी चाहिए,वह इस अधिनियम में निहित नहीं है। केंद्र की भाजपा शासित मोदी की सरकार इसमें कई प्रकार केअड़ंगा लगाकर,बहाना बनाकर,परिसीमन हो या अन्य मुद्दों का बहाना बनाकर इसको टाल रही है,आखिर क्या कारण है कि भाजपा शासित मोदी सरकार ने इस महिलाआरक्षण को लागू करने का इरादा किया,ऐसा लगता है कि भाजपा सरकार 2024 का लोकसभा चुनाव जीतने के लिए यह एक हथकंडा बना रखा है,ताकि महिलाओं का अधिक से अधिक मत प्राप्त हो सके,ऐसा यह भी लगता है कि यह मोदी सरकार की एक यह भी जुमला बाजी नजर आ रही है,जिस तरह विगत लोकसभा चुनाव में इन्होंने प्रतिवर्ष 2 करोड़ बेरोजगारी दूर करने, प्रत्येक खातेदारी को 15 लाख रुपया का भुगतान करने, महंगाई पर नियंत्रण रखने, दामों की बढ़ोतरी पर लगाम लगाने,पेट्रोल डीजल,गैस के दामों में बढ़ोतरी पर रोक लगाने,जैसे काम करने का बहुत साराआश्वासन चुनाव के समय में दिया गया था,मगर कोई पूरा नहीं हो सका,इससे आम जनता का विश्वास भाजपा की मोदी सरकार से समाप्त हो चुका है,अगर भाजपा शासित मोदी सरकार 2014,2019 के लोकसभा चुनाव के समय इस महिला आरक्षण को लोकसभा से पास करने के क्रम में काम किया होता तो आज दूसरा माहौल नजर आता। साथ ही महिलाओं के अंदर खुशी का माहौल भी होता,मगर यह महिलाआरक्षण,नारी शक्ति वंदनअधिनियम बनकर भी महिलाओं के लिए गम का माहौल बन गया है,क्योंकि महिलाएं यह समझ रही है कि यह एक जुमलेबाजी जैसा ही लग रहा है,अगर ऐसा नहीं तो फिर 2024 के लोकसभा चुनाव और 2025 के विधानसभा चुनाव में इसको क्यों नहीं लागू किया जा रहा है,अगर इसको लागू कर दिया जाएगा तो यह समझ में आएगा कि भाजपा शासित मोदी सरकार के नियत में कोई खोट नहीं है,नियत साफ है, इसके पीछे कई अटकलें, बहानाबाजी कर इसको टालने की कोशिश की जा रही है, और यह नारी शक्ति वंदन अधिनियम केवलआने वाले 15 साल के लिए लागू करना भी उचित नहीं है। इसके अलावा यह नारीशक्ति वंदन अधिनियम केवल लोकसभा और विधानसभा चुनाव में ही लागू करना महिलाओं के लिए शोभा नहीं देता है,बल्कि होना तो यह चाहिए था कि इसको राज्यसभा और विधान परिषद में लागू होना चाहिए,इस महिलाआरक्षण,नारी शक्ति वंदन अधिनियम को उनको कई सामाजिक क्षेत्र,सरकारी नौकरियां में भी इसको लागू होना चाहिए ताकि महिलाओं को सही अर्थों में इस नारी शक्ति वंदनअधिनियम का सही लाभ मिल सके।
इस महिलाआरक्षण,नारी शक्ति वंदनअधिनियम पर,जिला जदयू महिला सेल के जिला अध्यक्ष,सुरैया सहाब ने अपनी प्रतिकिया व्यक्त करते हुए कहा कि बिहार सरकार के माननीय मुख्यमंत्री,नीतीश कुमार ने भी इसको सही ठहराया है,और यह महिलाओं के हक हुकूक के लिए एक स्वागत योग्य,सराहनीय कदम बताया है,साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए हम कई वर्षों से मांग भी करतेआ रहे हैं,इसके लिए हमेशा प्रयत्नशील भी रहे हैं।जदयू महिला सेल के जिलाअध्यक्ष, सुरैया सहाब ने अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान का मैं और मेरी जदयू महिला सेल की कार्यकर्ताओं ने तहेदिल से समर्थन किया। साथ ही जदयू महिला सेल की कार्यकर्ताओं ने भी पूर्ण रूप से महिलाआरक्षण,नारी शक्ति वंदनअधिनियम का पुरजोर समर्थन दिया है।