माता-पिता को यादों में संजोने के लिए शिक्षक ने स्वास्थ्य केंद्र में दान किया बेड।
रिपोर्ट: विनोद विरोधी
गया, बिहार।
जिले के बाराचट्टी प्रखंड के भगहर गांव निवासी सह शिक्षक संतोष कुमार अपने माता-पिता के मरणोपरांत अपनी यादों में संजोने व जरूरतमंदों के सेवा भाव से जनकल्याण का काम कर लोगों के बीच एक प्रेरणा के स्रोत बने हैं। बीते 12 सितंबर2023 को शिक्षक संतोष के माता फुलवा देवी का निधन हो गया।इसके बाद हिंदू विधि विधान के साथ उनके श्राद्ध कर्म किए जा रहे हैं। शुक्रवार को दिवंगत मां को अपने यादों में संजोने व मरणोपरांत भी लोगों के काम आते रहे इस मकसद से बाराचट्टी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों के नाम बेड दान किया है। शिक्षक संतोष हिंदू रीति रिवाज के साथ श्राद्धकर्म की परंपरा को भी निभा रहे हैं। वहीं अस्पताल और जरूरतमंदों की सेवा कर अलग मिसाल पेश कर रहे हैं। गौरतलब हैं कि अगस्त2022 में शिक्षक संतोष के पिता का भी निधन हो गया था। जिसके बाद उन्होंने उस समय भी बाराचट्टी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक बेड दान किया था। साथ ही गांव के महादलित टोला में जरूरतमंद बच्चों के बीच शिक्षा सामग्री का वितरण किया और अपने पैतृक गांव भगहर स्थित मध्य विद्यालय में अपने पिता की यादों को ताजा रखने के लिए वृक्षारोपण का कार्य किया था। साथ हीं उन्होंने घोषणा की थी कि जिन जरूरतमंदों को ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ेगी उन्हें वह मुहैया कराएंगे। शिक्षक संतोष जहां एक ओर चली आ रही सामाजिक परंपरा को निभाकर समाज में अपनी कद को और बढ़ाया है। वही मरीज बेड और महादलित बच्चों के बीच शिक्षा सामग्री का वितरण कर इलाके में एक मिसाल पेश की है। इस संबंध में शिक्षक संतोष कुमार ने बताया कि आज अपने माता-पिता के आशीर्वाद से सफल जीवन जी रहा हूं। पिछले साल पूज्य पिता हमारे बीच नहीं रहे और अब मेरी मां नहीं रहीं । जीवन में माता और पिता का स्थान कोई नहीं ले सकता और न ही भूल पाना संभव है। अपने यादों में संजोने और दिवंगत होने के बावजूद मेरे माता-पिता लोगों के काम आते रहें और लोगों का आशीर्वाद उन्हें मिलता रहे। इसी मकसद को लेकर स्वास्थ्य केंद्र में मरीज बेड उपलब्ध मेरे द्वारा कराई गई है। साथ ही महादलित बच्चों के बीच शिक्षा सामग्री का वितरण करने का मुख्य उद्देश्य है कि बच्चे शिक्षा हासिल कर जीवन में देश के काम आ सके। उन्होंने बताया कि इनके स्मृति में हरेक साल जनकल्याण की भावना को लेकर अपने सामर्थ के अनुसार जरूरतमंदों की सेवा करता रहूंगा।इस मौके पर पत्नी रंजीता कुमारी,चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. एम.ई.हक, बालमुकुंद कुमार शिक्षक,भूतपूर्व मुखिया राजेन्द्र प्रसाद मेहता,बारा पंचायत सरपंच प्रतिनिधि बृजनंदन प्रसाद, संजय गुप्ता, रोहित गुप्ता, अंकित गुप्ता आदि प्रमुख थे।