न्यायालय ने एक गांजा तस्कर को 10 वर्ष की सजा के साथ 2 लाख अर्थ दंड भी लगाया।
शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया, बिहार।
स्थानीय व्यवहार न्यायालय के चतुर्थअपर जिला सत्र न्यायाधीश,आनंद विषधर दुबे ने गांजा तस्करी के एक मामले की सुनवाई पूरी करते हुए एक् गांजा तस्कर को दोषी पाते हुए उसे 10 वर्ष का कठोर,वृहद काराआवास की सजा सुनाई है साथ ही उसके ऊपर 2 लाख का अर्थ दंड भी लगाया है, अर्थदंड का भुगतान नहीं करने पर उसेअतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी। सजायायाफता,विक्रम मांझी,कंगाली थाना क्षेत्र के दाबटार मझरिया गांव का निवासी,बताया गया है।
एनडीपीएस के विशेष लोक अभियोजक,सुरेश कुमार ने संवाददाता को बताया कि यह घटना 6 दिसंबर वर्ष 2009 की है। तत्कालीन कंकाली थानाअध्यक्ष,प्रियाव्रत को गुप्त सूचना मिली के निलंबित दफ्तरी रामजी यादव एवं विक्रम मांझीअपने अन्य सहयोगी के साथ गंज का बड़ा खेप छिपा कर रखे हुए हैं, थानाअध्यक्ष ने विक्रम मांझी के घर पर छापा मारा,इस दौरान विक्रम मांझी के निर्माणाधीन घर में पुआल में छुपा कर रखा गया 40 किलो गांजा बरामद किया गया। इस संबंध में कंगाली थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी, इसी मामले की सुनवाई पूरी करते हुए न्यायाधीश ने विक्रम मांझी को एनडीपीएस एक्ट के विभिन्न धाराओं में दोषी पाते हुए उसे यह सजा सुनाई।