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धार्मिक / Jul 09, 2023

शरीअते इस्लामिया अल्लाह का कानून, इसमें किसी तरह की कोई कमी नहीं’।

हफ़ीज अहमद खान

कानपुर नगर, उत्तर प्रदेश।

राजनीतिक लाभ के लिये समाज से सद्भावना को खत्म करने के कृत्य से देश को नुक्सान पहुंचेगा, जिस देशप्रेमी कभी बर्दाश्त नहीं कर सकते। समान नागरिक संहिता द्वारा देशवासियों के धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताओं पर प्रहार करने का प्रयास किया जा रहा है, जिस पर ऐतराज करके अपना विरोध दर्ज कराना समस्त न्यायप्रिय नागरिकों के लिये लाज़मी और ज़रूरी है। इन विचारों को काज़ी ए शहर कानपुर हाफिज़ व कारी मामूर अहमद जामई ने परेड स्थित कार्यालय में यूनिफार्म सिविल कोड के सम्बन्ध से आयोजित बैठक से सम्बोधित करते हुए किया। काज़ी ए शहर ने कहा कि सरकार जिस तरह आदिवासियों और ईसाइयों को यू.सी.सी. से दूर रखने पर विमर्श कर रही है, उसी तरह हमारी अपील है कि मुसलमानों के शरई मामलों को यू.सी.सी. से दूर रखा जाये। उन्होंने बताया कि शरीअते इस्लामी किसी इंसान का बनाया हुआ कानून नहीं बल्कि कायनात को बनाने और उसको चलाने वाले अल्लाह का बनाया मुकम्मल जीवन संहिता है, इंसानो की समझ में तो कमी पाई जा सकती है, लेकिन हमारा ईमान है कि अल्लाह के इस कानून में किसी तरह की कोई कमी नहीं है, इसको मान लेने में भी सारी इंसानियत के लिये दुनिया व आखिरत की भलाई है, यह हमारे देश के हित में नहीं है! बैठक में काज़ी ए शहर हाफिज़ मामूर अहमद जामई के साथ मुहम्मद साद हातिम, कारी मुहम्मद गजाली खां के अलावा अन्य लोग मौजूद थे।

Jr. Seraj Ahmad Quraishi
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