Tranding
Wed, 18 Jun 2025 08:36 AM
धार्मिक / Jul 07, 2023

तीसरे खलीफा हज़रत उस्माने ग़नी के शहादत दिवस पर हुई कुरआन ख्वानी।

मोहम्मद आजम

बयां की कुरआन शरीफ की अजमत।

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।

जुमा की नमाज के बाद मस्जिद फैजाने आशिके रसूल शहीद अब्दुल्लाह नगर, चिश्तिया मस्जिद बक्शीपुर, सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफरा बाज़ार में इस्लाम धर्म के तीसरे खलीफा अमीरुल मोमिनीन हज़रत सैयदना उस्माने गनी रदियल्लाहु अन्हु के शहादत दिवस पर कुरआन ख्वानी, फातिहा ख्वानी व दुआ ख्वानी हुई। कुरआन शरीफ की अजमत बयान की गई। कुरआन शरीफ की बेहुरमती करने वालों की निंदा की गई। कुरआन शरीफ की तिलावत व उस पर सख्ती के साथ अमल करने की अपील की गई।

मुफ्ती अख्तर हुसैन ने कहा कि अमीरुल मोमिनीन हज़रत उस्माने ग़नी ‘पैगंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम’ के दामाद व दीन-ए-इस्लाम के तीसरे ख़लीफ़ा हैं, जिन्हें पैगंबरे इस्लाम ने ज़िंदगी में ही जन्नती होने की खुशखबरी दी। आप पैगंबरे इस्लाम पर उतरने वाली आयतों को लिखा करते थे।

हाफिज रहमत अली निजामी ने कहा कि दीन-ए-इस्लाम के पहले खलीफा अमीरुल मोमिनीन हज़रत सैयदना अबूबक्र रदियल्लाहु अन्हु की दावत पर आप ने दीन-ए-इस्लाम क़ुबूल फ़रमाया। आपके निकाह में पैगंबरे इस्लाम की दो साहबज़ादियां एक के बाद एक आईं। आपके जज़्बा-ए-दीन, सख़ावत और अल्लाह की राह में ख़र्च करने के अनगिनत वाक़िअ़ात आज भी तारीख़ में दर्ज है। 

मौलाना महमूद रज़ा कादरी ने कहा कि हदीस में है कि पैगंबरे इस्लाम ने फरमाया हर नबी का एक रफ़ीक़ (साथी) है और मेरा रफ़ीक़ जन्नत में उस्मान इब्ने अफ़्फ़ान हैं। आपको कुरआन शरीफ़ की तिलावत के दौरान 18 ज़िलहिज्जा बरोज़ जुमा को शहीद कर दिया गया।

अंत में इसाले सवाब पेश करते हुए महफिल समाप्त हुई। सलातो सलाम पेश कर अमनो अमान की दुआ मांगी गई।

Jr. Seraj Ahmad Quraishi
39

Leave a comment

logo

Follow Us:

Flickr Photos

© Copyright All rights reserved by Bebaak Sahafi 2025. SiteMap