राज देवड़ी स्थित नजरबाग बना इको फ्रेंडली पार्क।
शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया,पश्चिमी चंपारण, बिहार।
स्थानीय नगर थाना में अवस्थित,बेतिया राज के जमाने का राज ड्योढी स्थित,बेतिया का नजरबाग पूरे हरियाली एवं रंगीन पेड़ों के साथ नजरबाग के नाम से जाना जाने लगा,जो अब इको फ्रेंडली पार्क के नाम से जाना जाएगा। इसके पूर्व में इस स्थान पर बेतिया महाराजा बैठ कर अपना शासन भी चलाते थे और इनके कर्मी भी इनके साथ रह कर शासन का बागडोर संभाले रहते थे,और यहीं से पूरे क्षेत्र का नजारा भी देखते थे।इस स्थान पर राज दरबार की चलता था,साथ ही शासन का सभी नियमों,राज कानूनों का पालन भी होता था।
बेतिया महाराजा महारानी के मरने के बाद यहां कूड़े का अंबार लगने लगा गंदगी फैलती गई और बहुत ही दयनीय स्थिति बनी हुई थी,आवागमन भी बाधित था।
इस स्थान को सुंदर और आकर्षक बनाने के लिए स्थानीय लोगों,सामाजिक,मानवाधिकार के कार्यकर्ताओं ने बड़ी मशक्कत के बाद पत्राचार के माध्यम से,संबंध स्थापित करके,हड़ताल करके इसके आसपास का सौंदर्जीकरण हेतु सुंदर एवं आकर्षक बनाने हेतु स्थानीय नगर परिषद कार्यालय एवन जिला प्रशासन से संपर्क कर के यहां नजरबाग पार्क के नाम पर नामकरण करके पार्क का रूप दिया गया जो बाद में नजरबाग पार्क के रूप में विस्तारित करने,आकर्षक, मनमोहक,सुंदर बनाने में स्थानीय नगर परिषद के चेयरमैन,गरिमा देवी सिकारिया का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है,इसके कारण इसका कायाकल्प हुआ, आज शहर के सभी परिवार के बच्चे,विद्यालयों के बच्चे,अपने परिवारजन के साथआकर छुट्टी के समय में इस नजरबाग पार्क का मजा उठाते हैं।
अब इस नजरबाग पार्क को इको फ्रेंडली पार्क के रूप में विकसित किया जा रहा है। इस नजरबाग पार्क में हर वह सुविधा उपलब्ध रहेगी जो बड़े-बड़े शहरों के पार्कों में उपलब्ध रहती है,इस शहर के लोगों काआकर्षक का केंद्र बनाया जाएगा,साथ ही इस नजरबाग पार्क के विकसित हो जाने,इको फ्रेंडली पार्क में बदल जाने से बेतिया नगर निगम के आय में अभी 2 से ढाई लाख प्रतिमाह आय हो रही थी,उसमेंऔर भीअधिक वृद्धि हो जाएगीसाथ ही शहर का एक गिने-चुने स्थान में गिनती होने लगेगी।