सत्यनारायण चौधरी जी के परिनिर्वाण दिवस पर परिवार के सदस्यों द्वारा संत गाडगे पुस्तकालय को पचास हजार की पुस्तकें की गई दान।
सत्यनारायण चौधरी जी के परिनिर्वाण दिवस पर प्रदेश के गणमान्य व्यक्तियों ने दी श्रद्धांजलि।
मोहम्मद आजम
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
सामाजिक क्रान्ति के अग्रदूत सत्यनारायण चौधरी जी के द्वितीय परिनिर्वाण दिवस पर गोरखपुर में शांति पाठ व श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया।
इस अवसर पर कुशीनगर के भन्ते विनयकीर्ति द्वारा विशेष पूजा-अर्चना कर पंचशील पाठ कराते हुए शांति पाठ किया गया। परिवार के सभी सदस्यों के साथ उपस्थित शुभचिंतकों को संबोधित करते हुए जन्म-मृत्यु के मोहमाया से विरत रहने की शिक्षा दी और अच्छे कर्म करते हुए गौतम बुद्ध के मार्ग पर चलकर जीवन को सार्थक बनाने की बात कही ।
इस शांति पाठ व श्रद्धांजलि समारोह में प्रदेश के विशिष्ट गणमान्य व्यक्तियों के साथ-साथ सैकड़ों की तादाद में प्रशासनिक अधिकारियों ने सत्यनारायण चौधरी जी के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर अपनी अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित कर उन्हें याद किया। इस अवसर पर गरीब व असहाय विद्यार्थियों व विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी करने वाले बच्चों के लिए विमल एजुकेशनल एवं सोशल फाउंडेशन उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित संत गाडगे पुस्तकालय एवं वाचनालय को असहाय व गरीब विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए विभिन्न विषयों से संबंधित पचास हजार की पुस्तकें परिवार की तरफ से दान किया गया। सत्यनारायण चौधरी जी के बड़े सुपुत्र जयसिंह, आईआईएस ने बताया कि पिताजी हमेशा से गरीब व असहाय व्यक्तियों की मदद व सहयोग करते रहे, गरीब विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए उनकी फीस व किताबों की व्यवस्था करते थे। वे चाहते थे कि हर गरीब बच्चा शिक्षा ग्रहण कर सके उसके लिए हमेशा प्रयासरत रहे। उन्हीं से प्रभावित होकर उनके परिनिर्वाण दिवस पर आज गरीब बच्चों की पढ़ाई व तैयारी के लिए पचास हजार की विभिन्न विषयों की पुस्तकें दान की गई है। जय सिंह ने बताया कि प्रत्येक वर्ष किसी ना किसी गांव व जिलों में उनके परिनिर्वाण दिवस पर पुस्तकालय एवं वाचनालय की स्थापना किया जाएगा जिससे कि उनके अधूरे कार्यों को पूरा किया जा सके। पिछले वर्ष लखनऊ में विमल एजुकेशनल एवं सोशल फाउंडेशन, उत्तर प्रदेश के सहयोग से संत गाडगे पुस्तकालय की स्थापना किया गया, जिसमें विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले गरीब विद्यार्थियों के लिए सभी प्रकार की पुस्तकें उपलब्ध कराई गई है। उस पुस्तकालय में समय-समय पर विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों व प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा कैरियर काउंसलिंग की व्यवस्था कराई जाती है। आने वाले समय में प्रत्येक गांव और जिलों में संत गाडगे पुस्तकालय एवं सत्यनारायण चौधरी पुस्तकालय के नाम से और भी पुस्तकालय एवं वाचनालय की स्थापना की जाएगी ।
इस अवसर पर पत्नी विमला देवी, पुत्रगण जय सिंह, बीर सिंह, अमर सिंह, पुत्री विजय लक्ष्मी, राज लक्ष्मी व रिश्तेदारों, मित्रों सहित गोरखपुर शहर के साथ-साथ पूरे प्रदेश के विभिन्न सैकड़ों गणमान्य व्यक्तियों ने उपस्थित होकर श्रद्धा सुमन अर्पित की।