महिला चिकित्सक से न्यायालय ने गलत साक्षय देने में मांगा स्पष्टीकरण।
ब्यूरो चीफ़ शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया, बिहार।
स्थानीय थाना क्षेत्र में बस्ती तो बेतिया सरकारी मेडिकल कॉलेज में पदस्थापित महिला चिकित्सक डॉक्टर कुमारी श्वेता,पोक्सो एक्ट के मामले में न्यायिक कार्रवाई के तहत साक्ष्य देने में बुरी तरह फंस गई हैं,व्यवहार न्यायालय बेतिया के पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद प्रसाद ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए महिला चिकित्सक के विरुद्ध धारा 344 सीआरपीसी के तहत समरी प्रोसिडिंग प्रारंभ की है, इसके साथ ही उनसे स्पष्टीकरण की मांग की गई है,यह कार्रवाई वर्ष 2020 में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में की गई है। महिला चिकित्सक ने अपने दिए गए चिकित्सकीय रिपोर्ट से केस के विचरण के समय अपने रिपोर्ट को मानने से इन्कार कर दिया,साथ ही यह भी कहा कि रिपोर्ट में न तो मेरी लिखावट हैऔर न ही मेरा हस्ताक्षर ही है। न्यायालय ने इसकी जांच कराने हेतु हॉस्पिटल सुपरिंटेंडेंट को भेजा,हॉस्पिटल के अध्यक्ष ने इसकी जांच कमेटी बैठाई,जांच उपरांत इनको गलत आंका गया,इन पर कार्रवाई शुरू कर दी है। न्यायालय ने दोषी अभियुक्त आजाद अंसारी को 10 वर्ष का कठोर कारावास की सजा के साथ एक लाख जुर्माना भी लगाया है। महिला चिकित्सक डॉक्टर कुमारी श्वेता की अब मुश्किलें बढ़ गई हैं।