मस्जिद गुलशन कादरिया में रोज़ा इफ्तार का हुआ आयोजन।
नवेद आलम
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
असुरन भेड़ियागढ़ मस्जिद गुलशन कादरिया माहे रमजान के दूसरे दिन रोजा इफ्तार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में नन्हे-मुन्हे, बड़े-बुजुर्गों समेत हाफिज व हाजी रोजेदार आदि शरीक हुए।हाफिज शाकिर अली ने इस मौके पर कहा कि पवित्र माह रमजान में रोजे रखने का जितना महत्व है, उससे ज्यादा रोजा खोलने या खुलवाने का भी है। कहा जाता है कि किसी का रोजा खुलवाने यानी इफ्तार कराने पर इफ्तार कराने वाले को भी उतना ही पुन मिलता है,जितना कि रोजेदार को। इफ्तार में शामिल होना,किसी को शामिल करना, इफ्तार पार्टी करना सामाजिक तौर पर एक खास अहमियत रखता है।आपसी प्रेम,भाईचारे का मिसाल है। आफताब अहमद ने कहा कि इस्लाम में रमज़ान का महीना महत्वपूर्ण होता है। ऐसा मानना है कि इसी महीने में अल्लाह ने पैगम्बर मोहम्मद पर नायाब किताब कुरान उतारी थी। इसलिए यह खुदा की दया और उदारता का माह होता है। मान्यता यह भी है कि रोजा रखने वाले मुसलमानों पर अल्लाह की इनायत खुशहाली एवं संपन्नता के रूप में बरसती है। ईमान वालों का बड़े से बड़ा गुनाह खुदा माफ़ कर देता है।
इस मौके पर सूफी नूर मोहम्मद जफर आलम सैयद इरफान अली अंजुम भाई फजले रिजवान अफरोज अंसारी फैज अंसारी शाहिद अली आफताब अहमद अरमान अंसारी निसार अहमद जुबेर अहमद निसार अहमद मोहम्मद हसन शाहिद अंसारी आदि लोग उपस्थित रहे।