कूड़े कचरे के ढेर पर बेतिया का ऑडिटोरियम शोभा की वस्तु बनी।
ब्यूरो चीफ़ शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया, बिहार।
जिला स्थित बेतिया बड़ा रमना मैदान में नवनिर्मितऑडिटोरियम तो बड़ी धूमधाम,भव्य रुप से रंगारंग कार्यक्रम करके चालू किया गया,मगर बनकर इसका उद्घाटन भी किया गया,लेकिन इसके व्यवस्थित संचालन एवं रखरखाव तथा पुख्ता इंतजाम कौन करेगा,इस पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो रहा है। जनता की गाढ़ी कमाई से इतना खूबसूरत ऑडिटोरियम का लोकार्पण जिला प्रशासन ने तो बड़ी जल्दी में कर दिया,लेकिन इस ऑडिटोरियम और स्वच्छता का ढोल पीटने वाले जिला प्रशासन, नगर निगम प्रशासन की ऐसी लचर और दिशा विहीन व्यवस्था को आईना दिखाने में पर्याप्त है। जिसका जीता जागता उदाहरण ऑडिटोरियम के आसपास पड़े कूड़े कचरे का अंबार,दुर्गंध, यत्र तत्र शौच,अनावश्यक दुकान तथा यहां खोले गए कई ट्रांसपोर्ट कंपनी के ट्रकों के सामान की लोडिंग,अनलोडिंग करते देखा जा सकता है। प्रशासन के किसी भी वरीय पदाधिकारी को ऐसा नहीं लगता है कि जनता के पैसों से बनाया ऑडिटोरियम तभी सार्थक होगा,जब इसके अगल बगल की जगह शांत और व्यवस्थित ढंग से रहे,ऐसा कुछ यहां नजर नहीं आता है। ऐसी कई तरह की योजनाएं के तहत पब्लिक की सहूलियत के लिए बना संस्थान धूल चाट रही है।सुचारू व्यवस्था के बिना किसी तरह सिर्फ नाम के लिए इसका संचालन किया जा रहा है।इस ऑडिटोरियम में जितने भी सरकारी कार्यक्रम होना है इसी में कराया जाए और निजी तौर पर भी इसमें कार्यक्रम कराने के लिए आवंटित किया जाए तो इससे यह लाभ होगा कि इसकी सफाई सुथराई,रंग रोगन, सजावट की व्यवस्था नियंत्रित रहेगी,मगर शायद जिला प्रशासन, बेतिया नगर निगम प्रशासन को इसकी फुर्सत कहां है कि इसकी देखभाल कर सके।