उलमा कौंसिल नेपाल मारहरा व बरेली से मिली सुन्नी, सुफी और खानक़ही विचारधारा का प्रसार कर रही है - मौलाना मुश्ताक बरकाती
नेपाल में आलाहज़रत के अनुयाई दरगाहे आलाहज़रत पर आने को हमेशा रहते हैं तय्यार:क़ारी नसरुललाहा
नेपाली मुस्लिम स्टूडंट्स ऑर्गनाइजेशन से जुड़े छात्रों ने किया उलमा कौंसिल नेपाल के पदाधिकारायो का अभिनंदन।
बरेली, उत्तर प्रदेश।
मारहरा शरीफ उत्तर प्रदेश भारत में आयोजित "उर्से नूरी" में सम्मिलित होने के बाद के बाद उलमा कौंसिल नेपाल के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष हज़रत अल्लामा मुश्ताक अहमद बरकाती की अगुवाई में एक प्रतिनिधिमंडल मरकज़े अहल-ए-सुन्नत दरगाहेआलाहजरत आया,मुफ्ती मोहम्मद सलीम बरेलवी साहब ने सारे नेपाली मेहमानों का स्वागत किया,आलाहज़रत और दुसरे बुजुर्गों के मज़ारात पर हाज़िरी देने के बाद नेपाली उलमा का इस प्रतिनिधमंडल ने दरगाह प्रमुख हज़रत सुब्हानी मियॉ साहब और सज्जादानशीन हज़रत मुफ्ती अहसन मियॉ साहब से मुलाकात कर दुआएं हासिल कीं,इस मौक़े पर नेपाली मुस्लिम स्टूडंट्स ऑर्गनाइजेशन बरेली यूनिट से जुड़े नेपाली छात्रों ने उनका दरगाहे आलाहज़रत पर अभिनंदन किया, आलाहज़रत के मदरसा मंज़र-ए-इस्लाम में आयोजित इस अभिनंदन समारोह में मुख्य अतिथि और उल्मा कौन्सिल नेपाल के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष मौलाना मुश्ताक बरकाती ने कहा कि उलमा कौंसिल नेपाल पुरे नेपाल देश में आलाहज़रत, खानकाहे बरकातिया और दूसरी भारतीय खानकाहों से मिली मानवतावाद और शान्तिवाद की सुन्नी,सुफी खानकाही और बरेलवी विचार धारा के फरोग का काम कर रही है,पुरे नेपाल देश में कोई भी छेत्र एसा नहीं जहां आलाहज़रत के मानने वाले लोग ना हों।मुल्के नेपाल के मुस्लिम समुदाय में सब से अधिक संख्या आलाहज़रत और मसलके आलाहज़रत के मानने वालों की है जो बिना रोक टोक के मसलके आलाहज़रत के नारे भी लगाते हैं और आलाहज़रत का सलाम भी पढते हैं।उन्होने नेपाली छात्रों को नसीहत देते हुऐ कहा कि आलाहज़रत हमारे लिए अच्छाई और बुराई को समझने की एक कसौटी हैं,आप को पढ़ाई पुरी करने के बाद आलाहज़रत और मारहरा शरीफ के सुफी बुजुर्गों से मिली शान्तिवाद और मानवतावाद के प्रसार का काम करना है।उलमा कौन्सिल नेपाल के कारी नसरुललाह साहब ने कहा कि हम सब आलाहज़रत के अनुयाई हैं और नेपाल से दरगाहेआलाहजरत आने के लिए हमेशा तय्यार रहते हैं,हर एक नेपाली अनुयाई आलाहज़रत के दर पर आने को बेचैन रहता है।इस प्रतिनिधिमण्डल के सदस्य जनाब हैदर अली साहब और जनाब अरमान रजा साहब ने कहा कि दरगाह प्रमुख हज़रत सुब्हानी मियॉ साहब से मिल कर बहुत अच्छा लगा,मरकज़े अहल-ए-सुन्नत की मेहमान नवाज़ी ने हमें बहुत प्रभावित किया।
मुफ्ती सलीम बरेलवी सिहब ने सभी नेपाली मेहमानों का इस्तकबाल किया और " आलाहज़रत मासिक पत्रिका" के विशेष अंक "सययदुल उलमा नम्बर " की प्रतियाँ सब को भेंट कीं।नेपाली मुस्लिम स्टूडंट्स ऑर्गनाइजेशन के छात्र मोहम्मद फैज इंजीनियर,डाक्टर नजीब,शोएब एम,ए ,मुफ्ती अनवर रजा,अरशद रजवी आदि ने फुल मालाओं से सब का अभिनंदन किया।