श्रम संहिता कानून के विरोध में सड़क पर उतरे श्रमिक।
अमित कुमार त्रिवेदी
कानपुर नगर उत्तर प्रदेश।
केन्द्र सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियों के विरोध स्वरूप देशव्यापी काला दिवस चंद्रशेखर आज़ाद प्रतिमा, गोल चौराहा पर केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का संयुक्त मंच कानपुर के बैनर तले इंटक एटक एच एम एस सीटू ऐक्टू ए आई यू टी यू सी टी यू सी सी तथा तमाम स्वतंत्र कर्माचारी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने श्रम संहिता काला कानून रद्द करो, ठेकेदारी प्रथा बंद करो, न्यूनतम वेतन रुपया 26000 लागू करो, ओ पी एस लागू करो इत्यादि मांगों की प्ले कार्ड लेकर मानव शृंखला बना कर प्रदर्शन किया।
असित कुमार सिंह (संयोजक) ने कहा कि सरकार धनाड्य वर्ग के इशारों पर मजदूर किसान छात्र नौजवान विरोधी कानूनों को अमलीजामा पहनाने में लगी हुई है जबकि एक ओर मजदूर किसान पर महंगाई की मार के अलावा मौसम और रोजगार की मार को झेल रहा है और दूसरी ओर छात्र महंगी शिक्षा, युवा वर्ग रोजगार के लिए दर दर भटक रहे हैं। इतना ही नहीं भवन निर्माण कार्य में लगे हुए मजदूरों को युद्ध क्षेत्र से ग्रसित इजरायल में भेजा जा रहा है। हम काले कानून को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे और हमारा आन्दोलन बराबर जारी रहेगा। जब तक सरकार मजदूर किसान विरोधी कानूनों को वापस नही लेती है।
प्रदर्शनकारियों में प्रमुख रूप से भगवान मिश्रा,पी एस बाजपाई, गौरव दीक्षित, योगेश ठाकुर,राजीव खरे राणा प्रताप सिंह आरडी गौतम, रमेश विश्वकर्मा, उमेश शुक्ला एस ए एम ज़ैदी,ओपी रावत, सिद्ध नाथ तिवारी,रामप्रकाश राय, इमानुल्लाह, हीरावती, विजय सिंह, मो वशी, टेकचंद, गोविंद सिंह, मो खालिद,हरी शंकर आदि ने
सरकार की मजदूर, किसान, कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ नारे लगाते हुए श्रम संहिता कानून की प्रतियां जलाई।