जिला स्तरीय प्रवासी मजदूरों, श्रमिक मित्रों का एक दिवसीय उन्मखीकरण कार्यशाला का हुआ आयोजन।
शहाबुद्दीन अहमद
बेतिया, बिहार।
जिला की अग्रणी स्वयंसेवी संस्था "सवेरा" के द्वारा महारानी जानकी कुंअर महाविद्यालय के सेमीनार हाॅल में,कार्यक्रम की अध्यक्षता, महाविद्यालय के प्राचार्य डा. आर के चौधरी ने की, संचालन प्रसिद्ध कवि व साहित्यकार, अनील "अनल"ने की।मुख्य अतिथि,प्रोफेसर समशुलहक, विशिष्टअतिथि,सामाजिक कार्यकर्ता,जदयू महिला सेल जिलाअध्यक्ष,सुरैयाशहाब,के अलावा पंकज जी,जेपी सेनानी,नन्दलाल,सुशील शशांक अधिवक्ता,आलमगीर हुसैन,भारत जोड़ों अभियान, संजीव कुमार मिश्र उर्फ मुन्ना मिश्र के साथ जिला के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों सेआए सैंकड़ों की संख्या में प्रवासी, महिला-पुरुष मजदूर,श्रमिक मित्रों ने भाग लिया,साथ ही जिला तथा प्रखंड स्तरीय,श्रम प्रवर्तन पदाधिकारीगण भी कार्यशाला को संबोधित किये, सभी ने कार्यशाला केऔचित्य पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम के समन्वयक,रामेश्वर प्रसाद ने कहा कि वैसे तो मजदूरों की स्थिति सभी स्तरों पर बेहद बेहाल है,परन्तु प्रवासी मजदूरों का तो कोई पुरसान हाल नहीं, जिला,प्रखंड,पंचायत की बात को छोड़,वार्ड के स्तर पर भी ऐसे प्रवासी मजदूरों का कोई मान्य आंकड़े सरकार के पास उपलब्ध नहीं हैं,जो बेहद सोचनीय है।संस्था के सचिव, जयप्रकाश ने कहा कि उनकी संस्था "सवेरा" प्रवासी मजदूरों के हक हकुक को प्राप्त करने के अभियान को आगे बढ़ाने का प्रयास करती रहेगी।
अपने वक्तव्य में,प्रोफेसर समशुलहक ने कोरोना काल में हुए प्रवासी मजदूरों की पीड़ा का वर्णन करते हुएअनेक पीड़ादायक घटनाओं का जिक्र किया।अपनेअध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि प्रवासी मजदूरों की समस्याएं देश के भीतर,बाहर विराजमान हैं। विदेशों में होने वाली मुसीबतों पर तो देश का विदेश विभाग उस समय संज्ञान लेता है,आम जनता के द्वारा आवाज बुलंद की जाती है,कारण उसका लेखा-जोखा सरकार के पास होता है।देश के भीतर तो इसका कोई आंकड़े नहीं तो फिर खोजबीन किसकी कार्यवाही किस पर? जरूरत है श्रमिक वर्ग के समुचित विकास के लिए उनके बच्चों के शिक्षा पर विशेष जोर दिया जाय,इसके लिए सरकारी स्तर पर सारी व्यवस्थाएं हैं,पर हम इसके प्रति जागरूक नहीं हैं। कार्यक्रम को सफल बनाने में संस्था के कर्मी,ओमप्रकाश जयसवाल,राजूरंजन श्रीवास्तव,ललन श्रीवास्तव, हरिशंकर प्रसाद वगैरह की महत्वपूर्ण भूमिका रही।