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धार्मिक / Sep 22, 2023

अमन के साथ निकालें जुलूस-ए-मोहम्मदी, डीजे-आतिशबाजी से बचें।

-जुमा की तकरीर में बयां हुई पैग़ंबरे इस्लाम की शान व फजीलत।

सैय्यद फरहान अहमद

गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।

पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का जन्मदिवस 28 सितंबर को ईद मिलादुन्नबी पर्व के रूप में मनाया जाएगा। ईद मिलादुन्नबी की तैयारियां जोर-शोर से जारी है। ईद मिलादुन्नबी पर्व के मद्देनजर शहर की तमाम मस्जिदों में जुमा की तकरीर में इमामों ने पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शान व फज़ीलत बयान की। उलमा किराम ने अवाम से अपील की है कि जुलूस में महिलाएं व छोटे बच्चे शामिल न हों। कमेटियां डीजे न बजवाएं और न ही पटाखा फोड़ें। जुलूस में हुड़दंग बिल्कुल भी न हो, बल्कि शांति व अमन के साथ जुलूस निकाला जाए और प्रशासन का सहयोग किया जाए।

मुफ्ती-ए-शहर अख्तर हुसैन मन्नानी ने कहा कि जुलूस में दीनी पोस्टर, झंडे या किसी मजार जैसे गुंबदे खजरा की बेहुरमती न हो इस बात का पूरा ख्याल रखा जाए। जुलूस की समाप्ति पर होर्डिंग्स व झंडे सुरक्षित स्थानों पर रख दिया जाए। जुलूस में लोग इस्लामी लिबास में सादगी के साथ शिरकत करें। शरीअत के दायरे में रहकर ईद मिलादुन्नबी की खुशियां मनाएं। 

नायब काजी मुफ्ती मोहम्मद अजहर शम्सी ने कहा कि मुसलमान ईद मिलादुन्नबी की खुशियां अदब व एहतराम के साथ मनाएं। खूब इबादत करें। कुरआन-ए-पाक की तिलावत करें। दरूदो-सलाम का नज़राना पेश करें। गरीबों व यतीमों को खाना खिलाएं। मरीजों का हालचाल पूछें। पड़ोसियों का ख्याल रखें। डीजे, बैंड बाजा व ढ़ोल न बजाएं। पटाखा फुलझड़ी से परहेज करें। रोजा रखें। ईद मिलादुन्नबी का जलसा व महफिल सजाएं। सारी दुनिया को अमनो शांति और मोहब्बत का पैग़ाम दें।

बेलाल मस्जिद अलहदादपुर में कारी शराफत हुसैन कादरी ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पूरी दुनिया के लिए आइडियल हैं। पैग़ंबरे इस्लाम दुनिया के लिए रहमत, नूर आला नूर हैं। कयामत के दिन आप ही सबसे पहले उम्मत की शफ़ाअत फरमायेंगे, बंदों के गुनाह माफ करायेंगे, दर्जे बुलंद कराएंगे, इसके अलावा पैग़ंबरे इस्लाम की और बहुत सी खुसूसियत है जिनकी तफ़सील कुरआन, हदीस व उलमा-ए-अहले सुन्नत की किताबों में मौजूद है। 

मरकजी मदीना जामा मस्जिद रेती चौक में मुफ्ती मेराज अहमद कादरी ने कहा कि पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि की तालीमात पर अमल करके हम दीन व दुनिया की कामयाबी हासिल कर सकते हैं। कुरआन व शरीअत के बताए रास्ते पर चलें। हर बुराई से दूर रहने के लिए नमाज की पाबंदी करें। 

सुब्हानिया जामा मस्जिद तकिया कवलदह में मौलाना जहांगीर अहमद अजीजी ने कहा कि कुरआन फरमा रहा है कि अगर कामयाबी चाहिए तो पैग़ंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम का कल्चर अपनाओ, पैग़ंबरे इस्लाम का बताया हुआ रास्ता अपनाओ, पैग़ंबरे इस्लाम की फरमाबरदारी और पैरवी करो।

सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाजार में हाफिज रहमत अली निज़ामी ने कहा कि अल्लाह ने हमें करोड़ों नेमत दी लेकिन एहसान नहीं जताया, मगर जब अपने महबूब पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को बन्दों के दरमियान भेजा तब एहसान जताया। जिस नेमत को देने पर अल्लाह खुद फरमा रहा है कि "मैंने एहसान किया बन्दों पर" तो ज़रा सोचिए कि कितनी अज़ीम नेमत है पैग़ंबरे इस्लाम की विलादत (पैदाइश) की खुशी।  

गौसिया जामा मस्जिद छोटे काजीपुर में मौलाना मोहम्मद अहमद निजामी ने कहा कि इंसानियत और एक अल्लाह की इबादत का संदेश देने वाले पैग़ंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम समाज में औरतों को सम्मान एवं अधिकार दिए जाने की हमेशा पैरोकार रहे। अंत में सबने मिलकर सलातो सलाम पढ़कर मुल्क में अमनो अमान की दुआ मांगी।


Jr. Seraj Ahmad Quraishi
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