सत्याग्रह संकल्प की उपेक्षा सरकार के लिए शुभ संकेत नही- शैलेन्द्र मिश्र
768 दिनों के सत्याग्रह संकल्प पर मूकदर्शक बनी सरकार।
गोरखपुर, उत्तर प्रदेश।
भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली सरकार के मुख्यमंत्री के गृह नगर गोरखपुर में सी.ए.जी रिपोर्ट आधारित अरबों रुपये के भ्रष्टाचार के विरुद्ध पीडब्ल्यूडी मुख्य अभियंता कार्यालय के समक्ष तीसरी आंख मानवाधिकार संगठन द्वारा विगत 768 तीनों से अनवरत चल रहे सत्याग्रह संकल्प का प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं अन्य शासकीय तंत्रो द्वारा संज्ञान न लिया जाना कहीं ना कहीं दर्शाता है कि भ्रष्टाचार का बट वृक्ष के निरंतर विकास में इनका योगदान है अन्यथा शासकीय तंत्र के संरक्षण में प्रशासकीय तंत्र द्वारा निरंतर भ्रष्टाचार के नित्य नए आयाम तय नहीं किए जाते।
अब यह यक्ष प्रश्न बना हुआ है कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध विगत वर्षों से प्रचलित सत्याग्रह संकल्प और शासकीय तंत्र का कथित भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की मूल तस्वीर क्या होगी?
बताते चलें कि हमारे संवाददाता ने जब प्रचलित सत्याग्रह संकल्प स्थल पहुंचकर ग्राउंड हकीकत जानने का प्रयास किया तो सत्याग्रहीयों ने बताया कि शासन सत्ता में बैठे लोग अपने सत्ता के नशे में बेखौफ भ्रष्टाचार को अंजाम देने एवं प्रशासकीय तंत्र को संरक्षण प्रदान करने में मशगूल है यही कारण है कि लोकतंत्र में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसात्मक आंदोलन के पद चिन्हों पर तीसरी आंख मानव अधिकार संगठन द्वारा विगत वर्षों से प्रचलित सत्याग्रह संकल्प उपेक्षा का शिकार है जो लोकतांत्रिक सरकार के लिए शुभ संकेत नहीं है।
सत्ता के नशे में मदमस्त बेखबर शासकीय तंत्र को अंग्रेजी दासता से सीख लेने की जरूरत है वरना वह दिन दूर नहीं जब गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
सत्याग्रह संकल्प स्थल पर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार मिश्र, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तबस्सुम, प्रदेश अध्यक्ष रमाकांत पांडे "राजू",प्रदेश संयोजक डीएन सिंह, प्रदेश संगठन मंत्री योगेंद्र कुमार मिश्र एडवोकेट, वीरेंद्र राय, जिला मंत्री रामचंद्र दुबे, राजमंगल गौड़,वीरेंद्र वर्मा, गिरजा शंकर चौधरी ,कुशीनगर जिला अध्यक्ष पवन कुमार गुप्ता, राजेश्वर पांडे,महानगर मंत्री शमशेर जमा खान,एडवोकेट सबीना खातून, अशोक सिंह एडवोकेट,सौरव सिंह एडवोकेट, सोनी शुक्ला, नदीम अजीज व अन्य पदाधिकारी,कार्यकर्ता एवं वरिष्ठ बुद्धिजीवी उपस्थित रहे।